गाजियाबाद : सरसंघ चालक मोहन भागवत ने आज यहां दावा कि जब भी मतभेद होंगे तो बीच का रास्ता जरुर निकलेगा और वह रास्ता हिन्दुत्व का रास्ता होगा. भागवत ने कविगुरु रविन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा बंगभंग के वक्त कही बात का उल्लेख करते हुए कहा कि जब भी हिन्दू मुस्लिमों के बीच मतभेद होंगे, बीच का रास्ता जरुर निकलेगा और वह रास्ता हिन्दुत्व का रास्ता होगा.
भागवत ने स्वयंसेवक समागम में गाजियाबाद के हजारों स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘संघ ने बडे संघर्ष किए हैं, उसका परिणाम है कि आज परिस्थितियां हमारे अनूकुल हैं. लेकिन अनुकूलता का मतलब यह कतई नहीं है कि हम आराम की मुद्रा में आ जाएं। अब हमें और भी ज्यादा कार्य करने की जरुरत है.’’
उन्होंने स्वयंसेवकों को लगातार सक्रिय रहने की नसीहत दी और कहा कि समाज को जागरुक करने का काम जारी रखना होगा.भागवत ने कहा कि भारत भूमि का पुत्र भारतीय पूर्वजों का वंशज और उनकी सनातन संस्कृति है जिसको आज भारतीय संस्कृति भी कहते हैं. उसके अनुसार देशकाल परिस्थिति सुसंगठित जीवन जीने का प्रयास करने वाला प्रत्येक व्यक्ति समाज का अंग है.
उन्होंने कहा कि दिखता अलग-अलग है लेकिन मूल में एक है. उस अलग-अलग को स्वीकार करो उसका सम्मान करो। एक-दूसरे को बदलो मत, जो जैसा है वैसा ही ठीक है वैसा ही रहकर वह हमारा अपना भाई है. विविधिताओं का सम्मान करो। विविधिताओं के मूल में एकता को देखो। यह भारत वर्ष का मूल है. उन्होंने कहा हिंदूत्व का विचार ही दुनिया का एकमात्र ऐसा विचार है, जो हम सब को जोडता है. हिंदू बनकर संपूर्ण देश के लिए जीना है, केवल अपने स्वार्थ के लिए जीना नहीं है.