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रोहतक में विक्षिप्‍त महिला से गैंगरेप, आठ युवक गिरफ्तार

रोहतक: नेपाल की मानसिक रुप से कमजोर एक महिला से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले से निपटने के तौर तरीकों को लेकर आलोचनाओं से घिरी हरियाणा पुलिस ने आज आठ युवकों को गिरफ्तार कर लिया और साथ ही पुलिस की ओर से हुई किसी भी लापरवाही के मामले में कार्रवाई का वादा किया. चार […]

रोहतक: नेपाल की मानसिक रुप से कमजोर एक महिला से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले से निपटने के तौर तरीकों को लेकर आलोचनाओं से घिरी हरियाणा पुलिस ने आज आठ युवकों को गिरफ्तार कर लिया और साथ ही पुलिस की ओर से हुई किसी भी लापरवाही के मामले में कार्रवाई का वादा किया.

चार फरवरी को सामने आए इस मामले को लेकर विपक्षी कांग्रेस ने कानून व्यवस्था के मामले में राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वह ‘‘अभी नींद से जागी नहीं है.’’ विपक्षी पार्टी ने इसके साथ ही इस खौफनाक घटना की जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक ( आईजी ) स्तर के अधिकारी के तहत विशेष जांच दल गठित किए जाने की मांग की.

घटनास्थल का दौरा करने वाले डीजीपी यशपाल सिंघल ने पीटीआई भाषा को बताया कि गिरफ्तार किए गए युवक करीब 20 – 22 साल के हैं और अपराधी प्रतीत होते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मामले को सुलझा लिया गया है और कुल नौ में से आठ युवकों को रोहतक से नौ किलोमीटर दूर गढीखेडा गांव से गिरफ्तार कर लिया गया है.’’ 16 दिसंबर के दिल्ली के सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड की याद दिलाने वाले इस मामले में एक 28 वर्षीय नेपाली युवती से नृशंस बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर शव को रोहतक हिसार राजमार्ग पर एक गांव के खेतों में फेंक दिया गया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि महिला पर नृशंस हमला किया गया और उसके गुप्तांगों पर गंभीर चोटें पायी गयी हैं. उसके पेट में ब्लेड और पत्थर पाए गए हैं.पीडिता पिछले तीन महीने से अपनी बहन के साथ रह रही थी और यहां पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (पीजीआईएमएस) उसका इलाज चल रहा था.
रोहतक के पुलिस अधीक्षक (एसपी) शशांक आनंद ने बताया कि पीडिता की बहन ने एक फरवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी और चार फरवरी को अकबरपुर गांव के खेत में महिला का शव बरामद हुआ. महिला के शव पर चोट के कई निशान थे.
मामले में पुलिस की कथित निष्क्रियता के मुद्दे पर डीजीपी ने कहा कि शिकायत दर्ज कराने के समय से ही पुलिस हरकत में आ गई थी और डीएसपी रैंक का अधिकारी मामले को स्वयं देख रहा था.उन्होंने बताया, ‘‘यदि फिर भी पुलिस अधिकारियों की ओर से किसी भी तरह की लापरवाही दिखती है तो उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.’’
इस अपराध की विस्तृत जानकारी सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी और कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत विपक्षी कांग्रेस ने घटना की कडी निंदा की और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को राज्य में अराजकता की स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया. कांग्रेस ने मामले की जांच के लिए आईजी स्तर के अधिकारी के तहत एसआईटी गठित किए जाने की भी मांग की.
इस घटना को 16 दिसंबर 2012 की घटना के समान बताते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने हरियाणा में भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वह ‘‘अभी नींद से जागी नहीं है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने ‘बेटी बचाओ योजना’ पर लाखों रुपये खर्च किए लेकिन मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों को अब तक पीडिता के परिजनों से मिलने की फुरसत तक नहीं मिली.
इस बीच, नेपाली संगठनों समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने यहां उपायुक्त से मुलाकात कर पीडिता के परिजनों के लिए न्याय की मांग की.कार्यकर्ताओं ने कैंडल मार्च के साथ सडकों पर प्रदर्शन भी किया और पीडिता के लिए न्याय की मांग करते हुए धरने दिए. सिंघल ने इससे पूर्व दिन में आज मामले के संबंध में सूचना देने वाले व्यक्ति को दी जाने वाली इनामी राशि को एक लाख से बढाकर पांच लाख रुपये करने की घोषणा की थी.
पुलिस ने बताया कि एसआईटी में सात उप टीमें हैं जो मामले को सुलझाने के लिए सभी संभावित मोचरे पर 24 घंटे काम कर रही हैं. इससे पूर्व एफएसएल मधुबन से विशेषज्ञों की एक टीम ने अपराध स्थल का दौरा किया और वहां मौजूद सभी साक्ष्य एकत्र किए जिन्हें आगे जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाएगा.

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