आरटीआई के दायरे में हो राजनीतिक दलः संतोष हगड़े
बेंगलूर: राजनीतिक दलों को आरटीआई से बाहर रखने के सरकार के कदम की आलोचना करते हुए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एन संतोष हेगड़े ने आज कहा कि राजनीतिक पार्टियां सार्वजनिक निकाय हैं और वे जनता के प्रति जवाबदेह हैं जो उनके धन के स्नेत को जानना चाहती है.टीम अन्ना के आंदोलन के […]
बेंगलूर: राजनीतिक दलों को आरटीआई से बाहर रखने के सरकार के कदम की आलोचना करते हुए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एन संतोष हेगड़े ने आज कहा कि राजनीतिक पार्टियां सार्वजनिक निकाय हैं और वे जनता के प्रति जवाबदेह हैं जो उनके धन के स्नेत को जानना चाहती है.टीम अन्ना के आंदोलन के समय उसके सक्रिय सदस्य रहे हेगड़े ने बातचीत में कहा कि लोगों को समग्र रुप से राजनीतिक दलों की गतिविधियों का पता होना चाहिए और यह स्पष्ट है कि पार्टियां सत्ता में हों या नहीं लेकिन उनका सार्वजनिक मुद्दों से लेनादेना होता है.
कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त ने राजनीतिक दलों को आरटीआई से छूट प्रदान करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक अगस्त के फैसले पर उक्त प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल निश्चित तौर पर किसी न किसी तरीके से प्रशासनिक कामकाज से जुड़े होते हैं.
हेगड़े ने कहा कि राजनीतिक दल प्रभावशाली होते हैं. उन्होंने हाल ही में उत्तर प्रदेश में एक महिला आईएएस अधिकारी के निलंबन के मामले का उदाहरण देते हुए राजनीतिक दलों के हस्तक्षेप का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी राय है कि राजनीतिक दल सार्वजनिक निकाय हैं. उनकी प्रशासन में बड़ी भूमिका है और इसलिए उन्हें जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए. उनके मामले में पारदर्शिता भी होनी चाहिए. पारदर्शिता लोकतंत्र की आधारशिला है.’’