दुर्गा शक्‍ति केस में नियमों का पालन होगा:पीएम

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल को आरोपपत्र सौंपे जाने के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार के संपर्क में है और तय नियमों का पालन किया जाएगा.मानसून सत्र के आरंभ होने से पूर्व प्रधानमंत्री ने संसद भवन परिसर में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2013 1:08 AM

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल को आरोपपत्र सौंपे जाने के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार के संपर्क में है और तय नियमों का पालन किया जाएगा.मानसून सत्र के आरंभ होने से पूर्व प्रधानमंत्री ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हम इस मुद्दे के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के लिए राज्य सरकार के संपर्क में हैं.’’

उन्होंने साथ ही कहा कि इस प्रकार के मामलों से निपटने के लिए तय नियमों का पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘ नियम निर्धारित हैं और नियमों का पालन किया जाएगा.’’ केंद्र ने कल उत्तर प्रदेश सरकार से नागपाल के निलंबन पर तत्काल रिपोर्ट सौंपने को कहा था जिसने गौतमबुद्ध नगर इलाके में खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई की है थी. कार्मिक मामलों के राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि वर्ष 2010 की आईएएस अधिकारी को 27 जुलाई को निलंबित किए जाने के बाद अभी तक केंद्र सरकार को ऐसा तीसरा पत्र भेजा गया है.

केंद्र का ताजा पत्र सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी )की अध्यक्ष के नाते प्रधानमंत्री को लिखे पत्र की पृष्ठभूमि में आया है. प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सोनिया गांधी ने कहा था कि नागपाल के साथ ‘‘अनुचित व्यवहार ’’ नहीं होना चाहिए.

वहीं इससे पहले कलउत्तर प्रदेश सरकार ने आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को आरोप पत्र सौंपा. नागपाल का आठ दिन पहले निलंबन किए जाने से भारी विवाद पैदा हो गया है.आधिकारिक सूत्रों ने रविवार रात बताया कि आरोप पत्र की एक प्रति के साथ एक रिपोर्ट केंद्र में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग कोरविवाररात भेज दिया गया है. गौतम बुद्ध नगर की 28 वर्षीय एसडीएम नागपाल को 27 जुलाई को उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना एक निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार गिराने का आदेश देने के लिए निलंबित कर दिया गया था. नागपाल ने खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई की थी. नागपाल उत्तर प्रदेश कैडर की अधिकारी हैं.

सूत्रों ने बताया कि आरोप पत्र आयुक्त (मेरठ संभाग) की रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई है. ऐसा समझा जाता है कि यह 10 पन्ने का है. ऐसा बताया जा रहा है कि अधिकारी को आरोप पत्र का जवाब देने के लिए 15 दिन का वक्त दिया गया है.

आरोप पत्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस मुद्दे पर पत्र लिखने के एक दिन बाद दिया गया है. पत्र में गांधी ने प्रधानमंत्री से इस बात को सुनिश्चित करने को कहा था कि नागपाल के साथ अन्याय न हो.

केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री वी नारायणसामी के अनुसार 2010 बैच की आईएएस अधिकारी के निलंबन पर तत्काल रिपोर्ट मांगने के लिए राज्य सरकार को तीन पत्र भेजे गए हैं. अखिलेश यादव सरकार ने नागपाल के निलंबन को सही ठहराया था. उन्होंने कहा था कि आईएएस अधिकारी के निलंबन से सांप्रदायिक तनाव पैदा होने का खतरा उत्पन्न हो गया था.

लेकिन 28 वर्षीय अधिकारी के समर्थकों का कहना है कि उन्हें राज्य में खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई के कारण सताया जा रहा है.आरोप पत्र में बताया जाता है कि इस बात को रेखांकित किया गया है कि अधिकारी को निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार गिराने से पहले नोटिस देना चाहिए था.

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