नयी दिल्ली : दिल्ली में आम आदमी पार्टी मुसलिम बहुल इलाकों का समर्थन अपने पक्ष में करने में कामयाब रही और पांच मुसलिम बहुल विधानसभा क्षेत्रों में से चार पर जीत हासिल की, जबकि त्रिकोणीय मुकाबले में ऐसी एक सीट भाजपा की झोली में चल गयी. दिल्ली में मटिया महल, बल्लीमारान, सीलमपुर, मुस्ताफाबाद और ओखला मुसलिम बहुल सीटें हैं. 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बल्लीमारान, सीलमपुर, ओखला और मुस्ताफाबाद सीट पर जीत हासिल कर अपनी इज्जत बचायी थी, लेकिन इस बार इन मुसलिम बहुल इलाकों ने कांग्रेस का साथ नहीं दिया और उन चार में से तीन सीटों पर कांग्रेस तीसरे नंबर पर खिसक गयी.
वहीं, मुस्ताफाबाद में कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही. बल्लीमारान विस क्षेत्र में कांग्रेस विधायक दल के नेता हारुन युसूफ 1993 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं, लेकिन इस बार वह तीसरे नंबर पर चले गये. सीलमपुर में कांग्रेस के मतीन तीसरे नंबर पर रहे. उन्हें मात्र 23791 वोट पड़े. मुस्ताफाबाद विस सीट पर कांग्रेस के हसन अहमद को भाजपा के जगदीश प्रधान से 6031 वोटों से हार का मुह देखना पड़ा. आप के मोहम्मद युनूस तीसरे नंबर पर रहे. ओखला में पिछली बार 26545 वोटों से जीतनेवाले कांग्रेस के आसिफ मोहम्मद खान न सिर्फ हारे, बल्कि तीसरे नंबर पर खिसक गये. मटिया महल विस क्षेत्र से शुएब इकबाल इस बार कांग्रेस के टिकट पर अपनी किस्मत आजमा रहे थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उन्हें आप के आसिम अहमद खान ने 26096 वोटों से शिकस्त दी है.
कांग्रेस को वैचारिक ढांचे पर पुनर्विचार की जरूरत
वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि पार्टी को वैचारिक ढांचे की समीक्षा करने की जरूरत है. क्यांेकि ‘आप’ वह जगह निगल गयी. यदि पार्टी सामूहिक ढंग से चुनाव अभियान चलाती, तो चुनाव के नतीजे भिन्न होते. हमें अपने वैचारिक ढांचे पर विचार करने की जरूरत है.
लोगों से करेंगे संपर्क : कांग्रेस
कांग्रेस ने कहा कि वह जनता के साथ अपने संपर्क को कायम करने के लिए हर कदम उठायेगी. पार्टी ने बयान जारी कर कहा, ‘कांग्रेस पार्टी पूरी विनम्रता से लोगों के फैसले को स्वीकार करती है और ईमानदारी पूर्वक नुकसान के कारणों का आत्मविेषण करेगी. यह नुकसान पूरी दृढ़ता से हमारे पास दर्ज है. हम लोगों के साथ संपर्क कायम करने के लिए हर संभव कदम उठायेंगे.