भेदभाव भूल कर सबको एकजुट होकर देश के लिए करना होगा काम : मोहन भागवत

खरगौन (म.प्र): हिन्दुओं से देशहित में एकजुट होने का आह्वान करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हिन्दु समाज सभी प्रकार के भेदभाव भुलाकर खडा होगा तभी समर्थ भारत बनेगा.भागवत ने जिले की पवित्र नगरी महेश्वर में मंगलवार को हिन्दु समरसता के लिये आयोजित हिन्दु संगम को संबोधित करते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2015 3:32 PM

खरगौन (म.प्र): हिन्दुओं से देशहित में एकजुट होने का आह्वान करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हिन्दु समाज सभी प्रकार के भेदभाव भुलाकर खडा होगा तभी समर्थ भारत बनेगा.भागवत ने जिले की पवित्र नगरी महेश्वर में मंगलवार को हिन्दु समरसता के लिये आयोजित हिन्दु संगम को संबोधित करते हुए कहा कि देश के सभी लोगों को सभी प्रकार के भेदभाव भूलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि हमारे देवी देवता अलग हैं लेकिन हम एक ही परमात्मा को मानते हैं और अब हमें एकजुट होकर देश के लिये जीना होगा.

भारत को विश्व गुरु बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत पहले भी विश्व गुरु था और आगे भी रहेगा. उन्होंने कहा कि जल ,जंगल और जमीन के लिये सभी हिन्दुओं को एक जुट होकर लडना पडेगा तभी हम मजबूत भारत की परिकल्पना को पूर्ण कर एक बार फिर से विश्व गुरु बन सकेंगे.

भागवत ने कहा कि अमेरिका के पास धनबल है, व्यापार है ,चीन के पास सैन्यबल है, लेकिन दुनिया में भारत ही ऐसा देश है, जिसके पास यह सब कुछ है.संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में इशारों ही इशारों में घर वापसी की बात पर यह भी कहा कि, हिन्दू ना तो बदला है, और ना ही बदलेगा. देश में विविधता आई है, बोलियां, रहन-सहन बदल गया है, लेकिन हिन्दू समाज सेवाभावी और परोपकारी है, उसे दुर्बल ना समझा जाये. उनका कहना था कि हिन्दू संगम कार्यक्रम देश की मजबूती के लिये किये जा रहे हैं.

भागवत का कहना था कि, हमारा देश दुनिया को रास्ता दिखाता है, लेकिन दुनिया सत्य को नहीं, बल्कि शक्ति को मानती है. उन्होंने कहा कि हमारा भारत देश ही एक ऐसा देश है जो केवल सच की शक्ति को मानता है.

करीब 40 मिनट का संघ प्रमुख का संबोधन पूरे समय हिन्दुओं की एकजुटता, धर्मसंस्कृति, और देश की मजबूती पर ही केंन्द्रित रहा. इस दौरान उत्तम स्वामी सहित कई संतों ने भी हिन्दू संगम के आयोजन को संबोधित किया. हिन्दु संगम में डेढ लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया. महेश्वर पहुंचने पर संघ प्रमुख मोहन भागवत का जोरदार स्वागत किया गया. मंच पर भागवत को आदिवासी बहुल निमाड की परम्परा के अनुसार तीर कमान भेंट किये गये.

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