लोकतांत्रिक प्रक्रिया को तिलांजलि देने का खामियाजा उठा रही है भाजपाः गोविंदाचार्य
नयी दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त खाने वाली भाजपा को निशाने पर लेते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे के. एन. गोविंदाचार्य ने आज कहा कि इस पार्टी को अपनी अलोकतांत्रिक कार्यशैली और सरकार की अमीर परस्त नीतियों का खामियाजा उठाना पडा रहा है. नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की […]
नयी दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त खाने वाली भाजपा को निशाने पर लेते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे के. एन. गोविंदाचार्य ने आज कहा कि इस पार्टी को अपनी अलोकतांत्रिक कार्यशैली और सरकार की अमीर परस्त नीतियों का खामियाजा उठाना पडा रहा है.
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की नीतियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां अमेरिका और अमीर परस्त हैं जिससे देश को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है. गोविंदाचार्य ने कहा, ‘‘भाजपा में आदर्शवाद तो काफी पहले लुप्त हो गया था. अब पार्टी की कार्यशैली में सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी तिलांजलि दी जा रही है. पदाधिकारियों की घोषणा हो गई है लेकिन बैठक नहीं हो रही है. सारे प्रकोष्ठ मृतप्राय हो गए हैं. विभिन्न मंचों पर कोई बात नहीं रख रहा है.’’
मोदी सरकार की नीतियों को अमीर परस्त बताते हुए उन्होंने कहा ,‘‘ऐसी स्थिति में अन्ना हजारे के आर्शीवाद और उनकी अगुवाई में भूमि अधिग्रहण कानून को किसान परस्त बनाने, प्रदेशों में लोकायुक्त नियुक्त करने और कालाधन पर ठोस कार्रवाई करने का दबाव डालने के लिए वी. वी. राजगोपाल की एकता परिषद एवं अन्य मंच 19 फरवरी से पलवल से दिल्ली के लिए कूच करेंगे.यह कूच संसद के बजट सत्र के प्रथम दिन 23 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करेगी.’’कूच में हिस्सा लेने वालों में मेधा पाटकर, स्वामी अग्निवेश, उदय कुमार आदि के संगठन भी हिस्सा ले रहे हैं.
गोविंदाचार्य ने कहा कि 24 से 26 फरवरी तक जंतर मंतर पर धरना देने का कार्यक्रम है. यहीं से अन्ना भूमि अधिग्रहण के बारे में व्यापक आंदोलन के अगले चरण की घोषणा करेंगे.गोविंदाचार्य ने कहा कि कालाधन के बारे में केंद्र सरकार चीजों को लम्बा खींच रही है और खबरों में बातें आने पर ही कुछ कहती है. यह कालाधन वापस लाने के बारे में सरकार की अनिच्छा का प्रमाण है.उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय और चुनाव प्रक्रिया, चारों पर धनबल का प्रभाव हो गया है. इन सभी विषयों पर पहले जन जागरण, फिर जनांदोलन और उसके बाद जन दबाव बनाने का निर्णय किया गया है.
आरएसएस के पूर्व प्रचारक ने कहा कि पंचायती राज चुनाव में चुनाव चिन्हों का आरक्षण नहीं किया जाए, इस बारे में 19 तारीख को लखनऊ में ‘जन पंचायत’ होगी. इस विषय पर आज जन पंचायत के लोगों ने रालेगण सिद्धी में अन्ना से मुलाकात की. गोविंदाचार्य ने कहा कि वाराणसी में राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन और सर्वोदय के लोग गोरक्षा आंदोलन को आगे बढायेंगे.