मोदी सरकार को आईना दिखायेगी केजरीवाल सरकार, अरविंद चतुर्वेदी हो सकते हैं दिल्ली के भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो के चीफ

नयी दिल्ली : दिल्ली की भावी अरविंद केजरीवाल सरकार अब भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को अपने खास अंदाज में जवाब देने को तैयार है. दिल्ली के मनोनीत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एम्स के मुख्य सतर्कता अधिकारी रहे संजीव चतुर्वेदी को दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो का प्रमुख बनाने वाली है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2015 11:48 AM
नयी दिल्ली : दिल्ली की भावी अरविंद केजरीवाल सरकार अब भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को अपने खास अंदाज में जवाब देने को तैयार है. दिल्ली के मनोनीत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एम्स के मुख्य सतर्कता अधिकारी रहे संजीव चतुर्वेदी को दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो का प्रमुख बनाने वाली है. इसके लिए केजरीवाल सरकार बकायदा केंद्र सरकार से मांग कर सकती है कि उन्हें राज्य में तैनाती के लिए संजीश चतुर्वेदी चाहिए. सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल इसके लिए केंद्र सरकार से बात भी करेंगे.
आइएएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को पिछले साल एम्स के चीफ विजिलेंस ऑफिसर (सीवीओ) पद से स्वास्थ्य मंत्रलय ने हटा दिया था. उस समय मीडिया में इस आशय की खबरें आयी थीं कि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन भाजपा के प्रभावशाली नेता जेपी नड्डा के दबाव में चतुर्वेदी को पद से हटाया. बहरहाल, अब नड्डा खुद स्वास्थ्य मंत्री हैं.
मोदी सरकार के इस कदम की काफी आलोचना हुई थी. जिसके बाद पीएमओ ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया था, लेकिन जीत नड्डा की ही हुई. गौरतलब है कि अपने दो साल के कार्यकाल में चतुर्वेदी ने एम्स के भीतर भ्रष्टाचार के 150 से अधिक मामलों को उजागर किया, जिसमें करीब 80 मामलों में आरोपियों को सजा हो चुकी है.
संजीव चतुर्वेदी को केंद्र सरकार ने पिछले 14 अगस्त को देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम्स के सीवीओ पद से हटाया था. तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि चतुर्वेदी का एम्स के सीवीओ पद पर रहना असंवैधानिक है. डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट कर यह भी कहा था कि केंद्रीय सतर्कता आयोग ने दो बार चतुर्वेदी का नाम खारिज किया, लेकिन बाद में खुद सीवीसी ने इस मामले में स्वास्थ्य मंत्रलय से अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा था.
इस मामले में संजीव चतुर्वेदी ने केंद्रीय सतर्कता आयोग के पास अपना पक्ष रखा था और कहा था कि उन्हें नड्डा के दबाव में हटाया गया है. उन्होंने केंद्रीय सतर्कता आयोग को प्रमाण के तौर पर नड्डा की चिट्ठियां भी दिखायी थी.

Next Article

Exit mobile version