आदिवासियों की संस्कृति का संरक्षण करें, उसे बढावा दें : ओराम

नयी दिल्ली: जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने आज यहां कहा कि जनजातीय इलाकों में रह रहे लोगों के जीवन स्तर के उन्नयन के लिए उनकी संस्कृति एवं परंपरा का संरक्षण करना और उसे बढावा देना महत्वपूर्ण है.यहां चल रहे राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव में ओराम ने कहा ‘‘बाजार, मेले, नृत्य एवं संगीत प्रस्तुतियां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2015 3:31 PM
नयी दिल्ली: जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने आज यहां कहा कि जनजातीय इलाकों में रह रहे लोगों के जीवन स्तर के उन्नयन के लिए उनकी संस्कृति एवं परंपरा का संरक्षण करना और उसे बढावा देना महत्वपूर्ण है.यहां चल रहे राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव में ओराम ने कहा ‘‘बाजार, मेले, नृत्य एवं संगीत प्रस्तुतियां समृद्ध आदिवासी संस्कृति एवं परंपरा का हिस्सा है..यह उनकी आजीविका के बडे तरीके भी हैं.
इसलिए आदिवासियों के जीवन स्तर के उन्नयन के लिए इन संस्कृतियों का संरक्षण करना और उन्हें बढावा देना महत्वपूर्ण है.’’ पहले राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव ‘वनज’ की शुरुआत कल हुई जिसमें देश भर से करीब 900 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं. ये लोग असम, छत्तीसगढ, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, नगालैंड, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल से आए हैं.
महोत्सव के उद्घाटन समारोह में चार राज्यों के आदिवासी कलाकारों ने नृत्य प्रस्तुत किये.इनमें ओडिशा की मुंडा जनजाति का कुटिया कोंध नृत्य, गुजरात का डोबरु नृत्य और बांसुरी वादन, तमिलनाडु के टोडा और कानियन नृत्य तथा मध्य प्रदेश से पंडवानी गायन और गोंड शैली का करमा नृत्य शामिल थे.
केंद्रीय मंत्री ने एक कैलेंडर भी लॉन्च किया जिसकी थीम ‘‘आदिवासी चित्रकला एवं आदिवासी पर्व’’ है,यह महोत्सव तीन स्थानों पर हो रहा है. सांस्कृतिक कार्यक्रम कनॉट प्लेस स्थित सेंट्रल पार्क में तथा आदिवासी उत्पादों की बिक्री बाबा खडकसिंह मार्ग पर हो रही है. तीसरा स्थान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) है जहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ साथ आदिवासी उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है.

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