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मोदी ने पवार के घर किया लंच, कहा लोकतंत्र दो पटरियों पर चलता है एक संवाद और दूसरा विवाद

बारामत, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की कडवाहट को पीछे छोडते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राकांपा नेता शरद पवार के साथ यहां मंच साझा किया और उनके साथ दोपहर का भोजन किया. मोदी ने ऐसा करके राज्य में एक नये संभावित राजनीतिक समीकरण की अटकलों को हवा दी. यद्यपि दोनों नेताओें ने जोर देकर […]

बारामत, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की कडवाहट को पीछे छोडते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राकांपा नेता शरद पवार के साथ यहां मंच साझा किया और उनके साथ दोपहर का भोजन किया. मोदी ने ऐसा करके राज्य में एक नये संभावित राजनीतिक समीकरण की अटकलों को हवा दी.
यद्यपि दोनों नेताओें ने जोर देकर कहा कि उनके सार्वजनिक तौर पर एक साथ आने के कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाले जाने चाहिए लेकिन भाजपा के अपने सहयोगी शिवसेना के साथ संबंधों में आये तनाव के बाद इसे अधिक राजनीतिक महत्व दिया जा रहा है. मोदी ने गत वर्ष अक्तूबर में हुए विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के दौरान राकांपा को स्वाभाविक रुप से भ्रष्ट पार्टी करार दिया था और जनता का आह्वान किया था वह स्वयं को पवार परिवार के जूए के भार से मुक्त करे.
मोदी ने इसके साथ ही शरद पवार के गृह क्षेत्र में संचालित विभिन्न प्रतिष्ठानों से संबंधित कार्यक्रमों में हिस्सा भी लिया.
मोदी ने पवार परिवार की ओर से संचालित विद्या प्रतिष्ठान का दौरा किया और अप्पासाहेब पवार प्रेक्षागृह का उद्घाटन किया जिसका नाम शरद पवार के भाई के नाम पर रखा गया है. अप्पासाहेब चीनी सहकारी आंदोलन के एक प्रभावशाली नेता रहे हैं और राकांपा नेता को उनकी अधिकतर राजनीतिक ताकत उन्हीं से मिलती है.

मोदी ने केंद्र सरकार के उपक्रम कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित किसानों के सम्मेलन में पवार की प्रशंसा की. मोदी ने वहां सब्जियों के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन किया. मोदी ने इसके साथ ही पवार की इस बात के लिए प्रशंसा की कि उन्होंने उन्हें बारामती आमंत्रित किया. मोदी ने कहा, ह्यह्यगुजरात के मुख्यमंत्री के रुप में मैंने कई समस्याओं का सामना किया जिसमें भारत सरकार से दिक्कतें शामिल थीं. मैं तब शरद राव को फोन किया करता था और वह पार्टी राजनीति से उपर उठकर मेरी मदद करते थे. ऐसा कोई महीना नहीं बीतता जब हमारी दो..तीन बार बात नहीं होती. इनके इस योगदान के लिए मैं यहां इनका बारामती में अभिनंदन करता हूं.
कार्यक्रम में बडी संख्या में मीडिया कर्मियों की मौजूदगी से अवगत मोदी ने कहा, ह्यह्यआज मीडिया के लिए विशेष दिन है. वे बारीकी से विश्लेषण करेंगे कि मैंने पहले :चुनाव के दौरान: क्या कहा था और मैं आज क्या कहता हूं. यही लोकतंत्र की सुंदरता है.
उन्होंने कहा, लोकतंत्र दो पटरियों पर काम करता है. इसमें पहले विवाद और दूसरा संवाद. हम अलग अलग एजेंडा वाले अलग अलग राजनीतिक दल हैं लेकिन हमारे लिए देश पार्टी से उपर और शासनकला राजनीति से उपर है.
मोदी ने कहा, लेकिन हमारे देश में दो नेताओं की मुलाकात बडी खबर बन जाती है. :नेताओं के बीच: संवाद कभी रुकना नहीं चाहिए और इस मामले में सत्ता में रहने वालों की अधिक जिम्मेदारी है. पवार ने भी यह स्पष्ट करने का प्रयास किया कि उनकी एकसाथ मौजूदगी विकास के लिए है और इसके राजनीतिक मतलब नहीं निकाले जाने चाहिए.
उन्होंने कहा, ह्यह्यराजनीति में हम दो दिनों तक लड सकते हैं लेकिन बाकी के 363 दिन हमें विकास के लिए समर्पित करने चाहिए. हम आपको आपकी सभी विकास पहलों में समर्थन करने को तैयार हैं. पवार ने मोदी को उनके विकास के एजेंडा में समर्थन देते हुए उनसे चीनी के निर्यात में बाधाओं को दूर करने और डेयरी किसानों की स्थिति सुधारने में हस्तक्षेप करने की मांग की.
पवार ने इसके साथ ही धनगढ समुदाय को अनुसूचित जाति की तर्ज पर आरक्षण देने की मांग की. मोदी ने बारामती में चुनाव प्रचार के दौरान इस समुदाय के लिए आरक्षण दिलाने में असफल रहने को लेकर पवार को आडे हाथ लिया था. दोनों नेताओं ने यद्यपि इस बात की सावधानी बरती कि वे ऐसा कुछ नहीं बोलें जिससे यह प्रदर्शित हो कि वे राजनीतिक रुप से नजदीक आ रहे हैं लेकिन दोनों के बीच राजनीतिक निकटता बढने की चर्चा है, विशेष रुप से दिल्ली चुनाव में हार के बाद मोदी पर शिवसेना के सार्वजनिक हमले के बाद.
शिवसेना वस्तुत: यह मांग कर रही है कि मोदी दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी स्वीकार करें और उसका कहना है कि इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आप ने उसे धूल में मिला दिया. शिवसेना ने इसके साथ ही सूखा प्रभावित विदर्भ और मराठवाडा में किसानों की समस्याओं एवं किसानों की आत्महत्याओं को लेकर भाजपा नीत सरकार पर सार्वजनिक रुप से हमले किये हैं.
राकांपा ने विधानसभा चुनाव के बाद राज्य की अल्पमत भाजपा सरकार को एकतरफा समर्थन की घोषणा की थी.
मोदी ने कहा कि गरीबी से लडाई में कृषि एक प्रमुख साधन है. उन्होंने यद्यपि साथ ही कृषि को लाभदायक बनाने के लिए इसे मशीनीकृत करने की जरुरत पर बल दिया. उन्होंने जल संरक्षण की जरुरत बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पूरे देश में शुरु कर गई है ताकि सीमित जल संसाधनों का अनुकूलतम इस्तेमाल किया जा सके. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि मनरेगा को भी इस कार्यक्रम से जोड दिया जाए.

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