आरोप निरस्त करने की अमीन की दलील पर सीबीआई से जवाब तलब

!!इशरत प्रकरण!!नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने इशरत जहां मुठभेड़ कांड में गिरफ्तार गुजरात काडर के निलंबित आईपीएस अधिकारी एन के अमीन की याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो से आज जवाब तलब किया. अमीन चाहते हैं कि उनके खिलाफ आरोपों को निरस्त किया जाये. न्यायमूर्ति बी एस चौहान और न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की खंडपीठ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2013 8:32 PM

!!इशरत प्रकरण!!
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने इशरत जहां मुठभेड़ कांड में गिरफ्तार गुजरात काडर के निलंबित आईपीएस अधिकारी एन के अमीन की याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो से आज जवाब तलब किया. अमीन चाहते हैं कि उनके खिलाफ आरोपों को निरस्त किया जाये.

न्यायमूर्ति बी एस चौहान और न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की खंडपीठ ने जांच ब्यूरो को नोटिस जारी किया. जांच ब्यूरो को चार सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देना है. जांच एजेन्सी ने इस मामले में तीन जुलाई को अमीन सहित सात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. इसमें इन सभी पर 19 वर्षीय इशरत जहां, जावेद शेख उर्फ प्रणोश पिल्लै, जीशान जौहर और अमजद अली राणा को 2004 में अहमदाबाद के बाहरी इलाके में मुठभेड़ में हत्या करने और आपराधिक साजिश रचने का आरोप है.

सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ कांड में भी अमीन आरोपी हैं. इस मामले में बंबई उच्च न्यायालय ने अमीन को जमानत दे दी थी जिसे सीबीआई ने शीर्ष अदालत में चुनौती दे रखी है. अमीन को जमानत के दौरान ही केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इशरत जहां मुठभेड़ कांड में चार अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया था.

इस मामले में निलंबित आईपीएस अधिकारी जी एल सिंघल, सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक जे जी परमार, मेहसाणा के पुलिस उपाधीक्षक एस पी तरुण बरोट और कमांडो अजानु चौधरी को विशेष सीबीआई अदालत ने जमानत दे दी थी क्योंकि जांच एजेन्सी उनकी गिरफ्तारी के 90 दिन के भीतर आरोप पत्र दाखिल नहीं कर सकी थी.

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