जम्मू कश्मीर में बनेगी भाजपा-पीडीपी सरकार, संघ नाराज!

नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी और पीडीपी सरकार बनने के आखिरी दौर में पहुंच चुकी है. यह रास्ता आसान नहीं था लंबी बातचीत और कई मुद्दों पर हुई चर्चा -परिचर्चा के बाद दोनों पार्टियों के बीच सहमति बनी. सूत्रों की मानें, तो आरएसएस भाजपा और पीडीपी के गंठबंधन से खुश नहीं है. जाहिर है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2015 1:20 PM

नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी और पीडीपी सरकार बनने के आखिरी दौर में पहुंच चुकी है. यह रास्ता आसान नहीं था लंबी बातचीत और कई मुद्दों पर हुई चर्चा -परिचर्चा के बाद दोनों पार्टियों के बीच सहमति बनी. सूत्रों की मानें, तो आरएसएस भाजपा और पीडीपी के गंठबंधन से खुश नहीं है. जाहिर है अगर पीडीपी साथ आयेगी तो भाजपा को कई मुद्दों पर पीछे हटना पड़ेगा.भाजपा पीडीपी की भावी सरकार के साझा न्यूनतम कार्यक्रम यानी सीएमपी को अंतिम स्वरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वीकृति के बाद ही दिया जायेगा.

अगर भाजपा जम्मू कश्मीर में पूर्ण बहुमत का आकड़ा लाने में सफल होती तो भी आरएसएस के कई एजेंडे को लागू कर सकती थी लेकिन पूर्ण बहुमत ना मिलने के कारण भाजपा को कई मुद्दों पर समझौता करना पड़ रहा है. आईये समझने की कोशिश करते हैं कि भाजपा किन मुद्दों पर बैकफुट पर है.
धारा 370
भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के वक्त भले ही धारा 370 पर चुप्पी साध ली हो लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी ने खुलकर धारा 370 पर अपने विचार रखे थे. भाजपा भी मानती है कि धारा 370 जम्मू कश्मीर के विकास में बाधक है. लेकिन पीडीपी धारा 370 का कायम रखने के पक्ष में है ऐसे में भाजपा को पीडीपी इस शर्त के साथ समर्थन देने को तैयार हुई है कि धारा 370 के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जायेगी.
अफस्पा
भारतीय जनता पार्टी अफस्पा पर अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है पार्टी का मानना है कि जम्मू कश्मीर में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए इसकी जरूरत है जबकि पीडीपी इसे जम्मू कश्मीर की आजादी और आम लोगों के अधिकार से जोड़कर देखती है. ऐसे में दोनों पार्टी के बीच यहां भी टकराव की स्थिति है. भाजपा अगर पीडीपी के साथ सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है तो कहीं ना कहीं उसे इस मुद्दे पर भी समझौता करना पड़ेगा.
समान नागरिक संहिता
भाजपा इस कानून पर बल दे रही है. भाजपा के कई नेताओं ने इसका खुलकर समर्थन किया है. देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सर्वसहमति से इस कानून को लागू करने पर विचार किया जा रहा है. जम्मू कश्मीर के लोगों को कई अधिकार ऐसे हैं जो बाहरी लोगों को नहीं है. पीडीपी इन अधिकारों का समर्थन करती है जबकि भाजपा समान नागरिक संहिता पर अपना रुख साफ कर चुकी है.
संघ क्यों है नाराज
जम्मू कश्मीर में लगभग तीन महीने से सरकार बनाने की कवायद जारी है. अब भाजपा और पीडीपी ने लंबी बातचीत के बाद कई मुद्दों पर सहमति बनायी और सरकार बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. ऐसे में संघ की नराजगी उन मुद्दों को लेकर हैं जिस पर भाजपा अपना रुख पहले ही साफ कर चुकी थी और अब उस पर आगे बढ़ने के बजाय बैकफूट पर आ गयी है.

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