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आरआर पाटिल का निधन, अंतिम संस्कार आज

मुम्बई: राकांपा के वरिष्ठ नेता और 26/11 आतंकवादी हमले के समय महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहे आर. आर. पाटिल का 57 वर्ष की उम्र में कैंसर से निधन हो गया. लीलावती अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि पाटिल ने अस्पताल में अंतिम सांस ली. वह जीवनरक्षक प्रणाली पर चल रहे थे. राकांपा नेता छह बार […]

मुम्बई: राकांपा के वरिष्ठ नेता और 26/11 आतंकवादी हमले के समय महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहे आर. आर. पाटिल का 57 वर्ष की उम्र में कैंसर से निधन हो गया. लीलावती अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि पाटिल ने अस्पताल में अंतिम सांस ली. वह जीवनरक्षक प्रणाली पर चल रहे थे. राकांपा नेता छह बार सांगली जिले के तासगांव से विधायक रहे. उनके परिवार में मां, पत्नी और दो बेटियां हैं.दिवंगत नेता का अंतिम संस्कार आज दोपहर एक बजे उनके गांव अंजनी में किया जाएगा.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आर आर पाटिल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. राहुल गांधी ने अपने शोक संदेश में कहा कि पाटिल जी के निधन पर वह गहरा शोक व्यक्त करते हैं. उन्हें एक जमीनी स्तर के नेता के रूप में याद किया जायेगा जिन्होंने महाराष्ट्र के लोगों की सेवा की.
इसके पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आर. आर. पाटिल के निधन पर आज गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि इससे महाराष्ट्र की राजनीति में एक ‘‘खालीपन’’ आ गया है.मोदी ने ट्वीट के जरिए अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘मेरी संवेदनाएं श्री आर. आर. पाटिल के परिजनों के साथ हैं. उनके निधन की खबर से मुझे दुख हुआ, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में एक खालीपन आ गया है.’’
अपनी स्वच्छ छवि और आसान पहुंच के कारण लोकप्रिय रहे पाटिल राकांपा के शीर्ष नेताओं में शुमार किए जाते थे.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि उनके पार्थिव शरीर को नरीमन प्वाइंट स्थित राकांपा मुख्यालय में शाम छह बजे से दो घंटे के लिए रखा जाएगा ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें.

पिछले वर्ष दिसम्बर में ब्रीच कैंडी अस्पताल में पाटिल के मुंह के कैंसर की सर्जरी की गई थी. राजनीतिक हलकों में ‘अब्बा’ के नाम से मशहूर पाटिल को राकांपा प्रमुख शरद पवार का निकट सहयोगी माना जाता था.

पाटिल पहली बार 1990 में विधानसभा के लिए चुने गए थे और वर्ष 1999 में कांग्रेस-राकांपा सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री बनाए गए थे. वर्ष 2003 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल के तेलगी घोटाले में संलिप्तता के आरोपों के परिप्रेक्ष्य में इस्तीफा देने के बाद उन्हें गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उन्हें 2004 में उपमुख्यमंत्री बनाया गया.
26/11 हमले के बाद उनकी टिप्पणियों के सिलसिले में उन्हें पद छोडना पडा था. उन्होंने कहा था कि ‘‘बडे शहरों में छोटी घटनाएं होती रहती हैं’’, जिसको लेकर लोगों में आक्रोश फैल गया था. राज्य में 2009 के चुनावों में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के सत्ता में दूसरी बार बने रहने के बाद उन्हें गृह मंत्री बनाया गया.
मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में डांस बार पर प्रतिबंध लगाने के विवादास्पद निर्णय का जिम्मेदार भी उन्हें ही माना जाता है.

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