आयकर विभाग 31 मार्च से पहले HSBC जिनीवा के खिलाफ शिकायत दायर करेगा
नयी दिल्ली: आयकर विभाग एचएसबीसी, जिनीवा के खिलाफ भारत के नागरिकों के विदेशी बैंक खातों का अनधिकृत परिचालन कर देश में कथित तौर पर कर चोरी को ‘बढावा देने’ के आरोप में जल्द ही शिकायत दायर कर सकता है.सूत्रों ने कहा कि एचएसबीसी के खिलाफ आयकर अधिनियम की धारा 278 (गलत आयकर दाखिले को बढावा […]
नयी दिल्ली: आयकर विभाग एचएसबीसी, जिनीवा के खिलाफ भारत के नागरिकों के विदेशी बैंक खातों का अनधिकृत परिचालन कर देश में कथित तौर पर कर चोरी को ‘बढावा देने’ के आरोप में जल्द ही शिकायत दायर कर सकता है.सूत्रों ने कहा कि एचएसबीसी के खिलाफ आयकर अधिनियम की धारा 278 (गलत आयकर दाखिले को बढावा देने) के तहत आगामी 31 मार्च से पहले शिकायत दर्ज किए जाने की संभावना है क्योंकि उसके बाद इनमें कार्रवाई के लिए का सीम खत्म हो जाएगा क्यों कि संबंधित बैंक खाते 2006-07 की अवधि से जुडे हैं.
एक वरिष्ठ आयकर अधिकारी ने कहा कि विभाग ने कालाधन पर गठित विशेष जांच टीम को सूचित करने के बाद इन मामलों को खुद अपने हाथ में लिया है. माना जाता है कि विशेष जांच टीम ने विभाग को आगे कार्रवाई करने की अनुमति दे दी है.
सूत्रों ने कहा कि कर अधिकारियों ने कुछ साल पहले फ्रांस से मिली एचएसबीसी की सूचियों में उजागर हुए कम से कम चार मामलों पर काम किया है और यह साबित करने के लिए बैंक के खिलाफ साक्ष्य एकत्र किए हैं कि उसने ग्राहकों के बारे में जानकारी नहीं देकर भारत में कर चोरी के लिए लोगों को ‘जानबूझकर बढावा दिया’ और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचने के लिए इस पर पर्दा डाला.
इस प्रकार से एचएसबीसी ने आयकर कानूनों का उल्लंघन किया और भारी मात्र में कर चोरी में मदद की.सूत्रों ने कहा, ‘‘ साक्ष्यों पर विभाग और सीबीडीटी में उच्च स्तर पर चर्चा की गई है. बैंक के खिलाफ मुकदमा दायर कर कर कानूनों के तहत दंड की मांग की जाएगी.’’ पीटीआई भाषा द्वारा एचएसबीसी से संपर्क किए जाने पर बैंक ने टिप्पणी करने से इनकार किया.
चार मामलों में आयकर विभाग द्वारा पूछताछ किए जाने पर बैंक खाताधारकों के बयान दर्ज किए गए जिन्होंने कहा कि नकदी और बैंक बैलेंस की जानकारी छिपाने में बैंक द्वारा उनकी मदद की गई. इन ग्राहकों ने इस संबंध में ई.मेल के जरिए हुए पत्रचार के साक्ष्य भी दिए हैं.
उल्लेखनीय है कि खोजी पत्रकारों के एक वैश्विक समूह आईसीआईजे द्वारा हाल ही में किए गए खुलासे के बाद विशेष जांच टीम ने जांच का दायरा व्यापक कर दिया है.आईसीआईजे द्वारा की गई एक संयुक्त जांच के जरिए दुनियाभर के एक लाख से अधिक खाताधारकों के ब्यौरे का खुलासा किया गया है जिसमें 1,000 से अधिक नाम भारत के हैं.