कोलकाता : प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक आरटीआइ अरजी के जवाब में कहा है कि प्रधानमंत्री को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रहस्यमयी परिस्थितियों में गायब होने से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने का कोई अधिकार नहीं है. पीएमओ ने कहा, ‘सरकारी प्रक्रिया की नियमावली या सार्वजनिक रिकॉर्ड नियम, 1997 में प्रधानमंत्री को रिकॉर्ड सार्वजनिक करने का विशेषाधिकार होने संबंधी कोई उल्लेख नहीं है.
तिरुवनंतपुरम में कार्यरत आरटीआइ कार्यकर्ता श्रीजीत पनिकर ने पीएमओ को आरटीआइ आवेदन भेजकर पूछा था, क्या प्रधानमंत्री को फाइलें सार्वजनिक करने व उन्हें राष्ट्रीय अभिलेखागार भेजने का आदेश जारी करने को कोई विशेषाधिकार हैर्. 1941 में जब नेताजी को तत्कालीन कलकत्ता में अंग्रेजों ने नजरबंद कर लिया था, तो वह वहां से बच निकले थे और उन्होंने अपने देश को आजाद कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग मांगा तथा जापान की मदद से आजाद हिंद फौज बनायी थी. वह 1945 में रहस्यमयी तरीके से गायब हो गये और तभी से उनके बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं चल सका.