नयी दिल्ली : भारत में स्वाइन फ्लू का कहर जारी है अबतक इससे करीब 600 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे ज्यादा इससे प्रभावित होने वाला राज्य राजस्थान है जहां स्वाइन फ्लू से मरने वालों का सिलसिला थम नहीं रहा है. प्रदेश में चौबीस घंटों के दौरान स्वाइन फ्लू से 11 और लोगों की मृत्यु होने के साथ ही प्रदेश में इस साल स्वाइन फ्लू से 176 लोगों की मौत हो चुकी है.राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सोमवार को 11 और रोगियों की स्वाइन फ्लू से मरने की सूचनाएं मुख्यालय को मिली है.
उन्होने कहा कि प्रदेश में सबसे अधिक तीस लोगों की मृत्यु जयपुर जिले में हुई हैं. राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड ने प्रदेश में स्वाइन फ्लू की रोकथाम एवं उपचार की व्यापक व्यवस्थाओं की प्रत्येक स्तर पर गंभीरता से निगरानी करने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने स्वाइन फ्लू के लक्षण प्रतीत होते ही छोटे-मोटे इलाज करवाकर समय खराब करने की बजाय तत्काल सक्षम चिकित्सकों से सम्पर्क कर जांच करवाने का आग्रह किया. राठौड ने बताया कि राज्य स्तरीय टास्क फोर्स प्रतिदिन स्वाइन फ्लू की स्थिति की गंभीरता से निगरानी कर रही है. इसके अतिरिक्त संभाग व जिला स्तर पर भी निगरानी की जा रही हैं.
उन्होंने संभाग व जिला स्तरीय व्यवस्थाओं की प्रभावी निगरानी कर आउटडोर की व्यवस्थाओं, आईसोलेशन वार्ड, आईसीयू, वेंटीलेटर्स, दवाइयों की आपूर्ति, जांच की व्यवस्थाओं समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं. इधर, राज्य स्तरीय टास्क फोर्स अध्यक्ष डॉ. अशोक पनगडिया ने स्वाइन फ्लू के लिये अलग से बनायी गयी आईसीयू में भर्ती मरीजो के इलाज में विशेषज्ञों की सलाह के अनुरुप विशेष गंभीरता बरतने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने मरीज की प्रत्येक घंटे में स्वास्थ्य रिपोर्ट तैयार करने एवं प्रति 6 घंटे में प्रोफेसर स्तर के चिकित्सक से जांच करवाने की व्यवस्था के भी निर्देश दिये. डॉ. पनगडिया ने आयोजित राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में प्रदेश में स्वाइन फ्लू की स्थिति की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने दवाइयों एवं वैक्सीन की राजकीय चिकित्सा संस्थानों के साथ ही समस्त क्षेत्रों में उपलब्धता पर भी नजर रखने की आवश्यकता बतायी.
प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मुकेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश में टेमीफ्लू सभी चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध है एवं समस्त चिकित्सा संस्थानों में अलग से आउटडोर संचालित किये जा रहे हैं. प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा जे. सी. मोहन्ति ने बताया कि मेडिकल कॉलेज से संबंद्घ अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में आउटडोर, आईसोलेशन वार्ड, आईसीयू एवं वेंटीलेटर्स की व्यवस्थाएं हैं एवं इन पर निरन्तर निगरानी रखी जा रही है. बैठक में संयुक्त शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. एसपी सिंह, सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. यू.एस. अग्रवाल, अस्पताल अधीक्षक डॉ. मानप्रकाश शर्मा सहित अन्य चिकित्सक एवं अधिकारी मौजूद थे.