पाकिस्तानी बोट मामले में DIG लोशाली पर होगी कार्रवाई!
अहमदाबाद/बेंगलुरु : सरकार को शर्मसार होनेवाली स्थिति से गुजरना पड़ा, जब तटरक्षक बल के वरिष्ठ अधिकारी ने उसके दावे को नकार दिया कि घुसपैठ करनेवाली पाकिस्तानी नौका के चालक दल ने कोस्ट गार्ड द्वारा पीछा किये जाने पर स्वयं को विस्फोट कर उड़ा लिया था. हालांकि, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर सरकार के दावे पर कायम […]
अहमदाबाद/बेंगलुरु : सरकार को शर्मसार होनेवाली स्थिति से गुजरना पड़ा, जब तटरक्षक बल के वरिष्ठ अधिकारी ने उसके दावे को नकार दिया कि घुसपैठ करनेवाली पाकिस्तानी नौका के चालक दल ने कोस्ट गार्ड द्वारा पीछा किये जाने पर स्वयं को विस्फोट कर उड़ा लिया था. हालांकि, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर सरकार के दावे पर कायम रहे. उन्होंने तट रक्षक बल के इस अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई के संकेत भी दिये.मंत्री के बयान के तुरंत बाद तटरक्षक बल ने अपने उपमहानिरीक्षक एवं चीफ ऑफ स्टाफ (उत्तर पश्चिम क्षेत्र) बीके लोशाली को कारण बताओ नोटिस जारी किया.
लोशाली से मंगलवार को सूरत में दिये गये उनके उस बयान पर स्पष्टीकरण मांगा गया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि नववर्ष की पूर्व संध्या पर पोरबंदर तट के पास नौका को उड़ाने का उन्होंने ही आदेश दिया था. विवाद शुरू हुआ, तो लोशाली बयान से पलट गये. कहा, ‘यह अभियान स्वरूप वश गोपनीय था और उसके ब्योरे साझा नहीं किये गये थे मेरे साथ.’ उन्होंने यह भी बताया कि उनके अधिकारी महानिरीक्षक उत्तर पश्चिम क्षेत्र, कुलदीप सिंह शेरान इस अभियान के प्रभारी थे. इसके बाद अंगरेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने लोशाली के वीडियो को अपलोड कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्होंने ही 31 दिसंबर की रात नौका को उड़ाने का आदेश दिया था.
लोशाली ने सूरत में कहा था
‘‘मैं आपको बताना चाहता हूं. मुङो उम्मीद है कि आपको 31 दिसंबर की रात याद होगी. हमने उस पाकिस्तान की नौका को उड़ा दिया. हमने उन्हें उड़ा दिया था. मैं गांधीनगर में था और मैंने रात में कहा कि नौका को उड़ा दो. हम उन्हें बिरयानी नहीं खिलाना चाहते.’
बयान पर कायम रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री मनोहर र्पीकर से बेंगलुरु में वायुसेना के एक कार्यक्रम से इतर संवाददाता सम्मेलन में लोशाली के बयान को लेकर कई सवाल किये गये. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रलय बयान पर कायम है कि नौका में स्वयं विस्फोट किया गया. र्पीकर ने संकेत दिया कि यदि तटरक्षक बल के डीआइजी लोशाली ने मंत्रलय के रुख के विपरीत बयान दिया, तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. लेकिन, जांच के बाद. तथ्यों का पता लगाने के लिए वह वीडियो की प्रति हासिल करेंगे.