मोबाइल टावर सील करने के लिए डॉट से लेनी होगी अनुमती
नयी दिल्ली : दूरसंचार विभाग (डॉट) ने राज्यों से बिना उसकी अनुमति के मोबाइल टावरों को सील नहीं करने को कहा है. डॉट ने कहा कि रेडिएशन के मुद्दे पर उसकी इकाई ‘टर्म प्रकोष्ठ’ की अनुमति के बिना न तो मोबाइल टावरों को सील किया जाए, और न ही उनको बिजली आपूर्ति काटी जाए.दूरसंचार विभाग […]
नयी दिल्ली : दूरसंचार विभाग (डॉट) ने राज्यों से बिना उसकी अनुमति के मोबाइल टावरों को सील नहीं करने को कहा है. डॉट ने कहा कि रेडिएशन के मुद्दे पर उसकी इकाई ‘टर्म प्रकोष्ठ’ की अनुमति के बिना न तो मोबाइल टावरों को सील किया जाए, और न ही उनको बिजली आपूर्ति काटी जाए.दूरसंचार विभाग ने राज्यों को इसी माह भेजे परामर्श में कहा, ‘‘मोबाइल संचार एक अनिवार्य सेवा है. ऐसे में बीटीएस टावरों को सील करने या उनकी बिजली काटने का काम टर्म प्रकोष्ठ की अनुमति के बिना नहीं किया जाए.’’ इससे दूरसंचार कंपनियों को राहत मिलने की उम्मीद है.कई राज्य और स्थानीय सरकारें उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही हैं.
सुरक्षा के मद्देनजर भारत ने अन्य देशों के समान रेडिएशन नियम बनाए हैं. उद्योग के प्रतिनिधियों का कहना है कि रेडिएशन पर जागरुकता के अभाव में लोग मोबाइल टावरों को लगाने का विरोध करते हैं. दिल्ली और मुंबई में स्थानीय निकायों ने करीब 5,000 टावरों को अवैध बताते हुए बंद कर दिया है.राजस्थान उच्च न्यायालय ने दूरसंचार कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे स्कूलों, अस्पतालों तथा खेल के मैदानों के दायरे में आने वाले मोबाइल टावरों को दो माह में हटाएं. अदालत ने कहा था कि इन टावरों के उत्सजर्न से स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) का कहना है कि इन्हीं सब वजहों से केरल, पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक तथा गुजरात में भी टावर बंद कराए जाने के मामले सामने आए हैं.