नयी दिल्ली : जम्मू कश्मीर में पीडीपी और भाजपा की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है और न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर दोनों पक्षों की सहमति के बाद एक हफ्ते के अंदर सरकार बनने की संभावना है.समझा जाता है कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) में अनुच्छेद 370 और अफस्पा जैसे विवादास्पद मुद्दों पर ध्यान दिया गया है.
घटनाक्रम से जुडे सूत्रों ने कहा कि पीडीपी संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद अगले छह साल के पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री हो सकते हैं. वह अगले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और तभी सरकार गठन की घोषणा होने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक मुफ्ती-मोदी की मुलाकात से पहले पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती कल यहां पहुंचेंगी और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगी.
पीडीपी और भाजपा के नेताओं ने सीएमपी का ब्योरा उजागर नहीं किया है. यह भी साफ नहीं हुआ है कि अनुच्छेद 370, विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) तथा पश्चिमी पाकिस्तान के करीब 25000 शरणार्थियों के पुनर्वास समेत कुछ विवादास्पद मुद्दों पर किस तरह आम राय बनी है जिन पर दोनों के मत एक दूसरे के विपरीत हैं.दोनों दलों के कुछ नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सीएमपी को समग्र रुप से देखा जाना चाहिए, टुकडों में नहीं दोनों पार्टियां नयी सरकार की शपथ से पहले सीएमपी को सार्वजनिक करने के लिए तैयार हो गयी हैं.
28 सदस्यों वाली पीडीपी तथा 25 विधायकों के साथ भाजपा की गठबंधन सरकार बनने के बाद पहली बार ऐसा होगा कि जम्मू कश्मीर की 87 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के सदस्य सत्ता पक्ष की तरफ बैठेंगे.सूत्रों ने कहा कि राज्य को एक हफ्ते के अंदर नयी सरकार मिल सकती है.