पेट्रोलियम मिनिस्ट्री में जासूसी संबंधी दस्तावेज राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े थे : दिल्ली पुलिस

नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने आज यहां एक अदालत के समक्ष दावा किया कि पेट्रोलियम मंत्रलय में जासूसी मामले में गिरफ्तार उद्योग जगत के पांच अधिकारियों से बरामद दस्तावेज ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा’’ से जुड़े हैं और इस संबंध में सरकारी गोपनीयता कानून के तहत भी आरोप लगाए जा सकते हैं. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2015 7:02 PM
नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने आज यहां एक अदालत के समक्ष दावा किया कि पेट्रोलियम मंत्रलय में जासूसी मामले में गिरफ्तार उद्योग जगत के पांच अधिकारियों से बरामद दस्तावेज ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा’’ से जुड़े हैं और इस संबंध में सरकारी गोपनीयता कानून के तहत भी आरोप लगाए जा सकते हैं. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पांच आरोपियों को मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट संजय खनगवाल के समक्ष पेश किया और उन लोगों से पांच दिनों तक हिरासत में पूछताछ करने के लिए अदालत से अनुमति मांगी.
पुलिस ने अदालत से कहा कि इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया गया है. राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं. इसे देखते हुए सरकारी गोपनीयता कानून के तहत आरोप लग सकते हैं. पुलिस ने जिन पांच आरोपियों को अदालत में पेश किया, उनमें आरआइएल के शैलेश सक्सेना, एस्सार के विनय कुमार, केर्यंस के केके नाइक, जुबिलेंट एनर्जी के सुभाष चंद्रा और रिलायंस एडीएजी के ऋषि आनंद शामिल हैं.
पुलिस ने अदालत से कहा कि आरोपियों के कब्जे से बरामद दस्तावेजों के संबंध में उन्हें संबंधित मंत्रलयों से संपर्क करना होगा और आमने-सामने बिठाकर पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में दिए जाने की जरूरत है. पुलिस ने अदालत से यह भी कहा कि ये पांच आरोपी अपने वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से संवेदनशील दस्तावेज हासिल कर रहे थे और जांच के दौरान उनके कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की जा सकती है.
इन पांच आरोपियों की ओर से पेश वकीलों ने पांच दिनों की हिरासत में देने की पुलिस की मांग का जोरदार विरोध किया. उन्होंने दलील दी कि उनके मुवक्किलों को 18 और 19 फरवरी से अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है. बचाव पक्ष के वकील ने यह दलील भी दी कि उनके मुवक्किलों से बरामद करने के लिए कुछ नहीं था और पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ विशिष्ट आरोपों के संबंध में अदालत को कोई जानकारी नहीं दी है. इन पांच आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले में अब तक 12 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. सात अन्य आरोपियों को कल अदालत में पेश किया गया था. इनमें से चार को 23 फरवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया जबकि तीन को दो हफ्ते के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस के अनुसार, कंपनियों के ये अधिकारी चुराये गये दस्तावेज प्राप्त करते थे जो उनके कार्यालय परिसरों पर छापे के दौरान बरामद किये गये. उल्लेखनीय है कि सक्सेना रिलायंस इंडस्टरीज लिमिटेड (आरआइएल) में कारपोरेट मामले के प्रबंधक हैं, जबकि चन्द्रा जुबिलैंट एनर्जी के वरिष्ठ कार्यकारी हैं. आनंद रिलायंस एडीएजी में उप महाप्रबंधक हैं. विनय एस्सार के उप-महाप्रबंधक हैं, जबकि नायक केयर्न इंडिया में महाप्रबंधक हैं.
इन सभी सभी अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और धारा 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करने) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि ऐसा समझा गया था कि गोपनीय दस्तावेजों की चोरी का यह मामला पेट्रोलियम मंत्रलय तक ही सीमित होगा लेकिन वास्तव में इसमें वित्त, कोयला और बिजली मंत्रलय से जुड़े मामले भी शामिल हैं.
इससे पहले मामले में पेट्रोलियम मंत्रलय के दो कर्मचारी और तीन बिचौलिये गिरफ्तार किए गए. इसके अलावा दो ऊर्जा सलाहकारों शांतनु सैकिया और प्रयास जैन को भी गिरफ्तार किया गया है. शांतनु पूर्व पत्रकार हैं और अपना एक पोर्टल पेट्रो वेब चलाते हैं. पांच कंपनी अधिकारियों को कल शाम गिरफ्तार किया गया. अदालत में पेश प्राथमिकी में कहा गया है कि नेशनल गैस ग्रिड के बारे में वित्त मंत्री के 2015-16 के बजट भाषण में शामिल किये जाने के लिए दी गयी गोपनीय जानकारी भी उन दस्तावेजों का हिस्सा है जिन्हें आरोपियों से बरामद किया गया.

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