उर्जा के दाम लागत से कम, मददगार नहीं हो सकती राजनीतिक अर्थव्यवस्था: सुब्रमणियन

नयी दिल्ली: वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने उर्जा मूल्य पर विचार विमर्श की जरुरत बताते हुये आज कहा कि कई राजनीतिज्ञ मुफ्त बिजली देने का वादा करते हैं लेकिन ऐसी ‘राजनीतिक अर्थव्यव्यवस्था’ देश को आगे नहीं ले जाएगी. सुब्रमणियन यहां सेंटर फोर साइंस एंड इन्वायरमेंट (सीएसई) के एक कार्य्रकम को संबोधित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2015 9:17 PM

नयी दिल्ली: वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने उर्जा मूल्य पर विचार विमर्श की जरुरत बताते हुये आज कहा कि कई राजनीतिज्ञ मुफ्त बिजली देने का वादा करते हैं लेकिन ऐसी ‘राजनीतिक अर्थव्यव्यवस्था’ देश को आगे नहीं ले जाएगी.

सुब्रमणियन यहां सेंटर फोर साइंस एंड इन्वायरमेंट (सीएसई) के एक कार्य्रकम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि देश में उर्जा की कीमतें कम (अंडरप्राइस्ड) रखी जाती हैं. इसके साथ ही हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह यह नहीं कह रहे हैं कि किसी तरह सब्सिडी नहीं होनी चाहिये, लोगों की उर्जा जरुरत सर्वोपरि है.उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में एक तरह से आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त बिजली देने के वादों पर सवाल उठाया था.

सुब्रमणियन ने कहा, ‘हम ऐसी जगह बड़ी-बड़ी बातें नहीं करनी चाहिये जहां उर्जा के दाम उसकी लागत से कहीं कम हों, और हम जानते हैं कि अनेक राजनेता सत्ता में आने के बाद पहला वादा नि:शुल्क बिजली देने का करते हैं.’ सुब्रमणियन ने कहा, ‘और हमें तीव्र गति से आगे बढने के लिए (जिसकी हमें जरुरत है) यह राजनीति प्रेरित अर्थव्यवस्था मदद नहीं करेगी. मेरा मानना है कि हमें उर्जा की कीमतें कैसे तय हो इस बारे में बातचीत करने की जरुरत है.’ प्रमुख अर्थशास्त्री सुब्रमणियन के अनुसार ‘वह यह नहीं कह रहे कि हमें गरीबों के लिए सब्सिडी समाप्त कर देनी जानी चाहिए लेकिन हम इस बारे में बात नहीं करते कि उर्जा की श्रेष्ठ कीमत कैसे रखी जाए.

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