कार्पोरेट जासूसी कांड : प्रधान ने कहा- कोई कानून से उपर नहीं, किसी को छोडा नहीं जायेगा
नयी दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्रालय में सनसनीखेज कार्पोरेट जासूसी कांड में पुलिस की जांच का दायरा बढने के साथ ही पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि किसी को भी सरकारी तंत्र में सेंध लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती और जो भी इसके लिये जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कारवाई की […]
नयी दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्रालय में सनसनीखेज कार्पोरेट जासूसी कांड में पुलिस की जांच का दायरा बढने के साथ ही पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि किसी को भी सरकारी तंत्र में सेंध लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती और जो भी इसके लिये जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कारवाई की जायेगी.प्रधान ने कहा, ‘‘कोई भी कानून से उपर नहीं है. किसी को छोडा नहीं जायेगा. कानून अपना काम करेगा.’’ प्रधान ने यह बात ऐसे दिन कही है जब दिल्ली पुलिस ने रिलायंस इंडस्टरीज, एस्सार, केयर्न और रिलायंस समूह जैसी कंपनियों के पांच अधिकारियों को अदालत में पेश किया. ये अधिकारी कथित तौर पर पेट्रोलियम मंत्रलय से चुराये गये सरकारी दस्तावेजों को खरीदते रहे हैं.
प्रधान ने उस खास घटना के बारे में बताने से इनकार किया जिसके बाद उन्हें खुफिया विभाग :आईबी: और दिल्ली पुलिस को मंत्रलय से दस्तावेजों की चोरी की जांच के लिये बुलाना पडा। उन्होंने कहा, ‘‘हम कुछ घटनाओं को लेकर परेशान थे। हमने आंतरिक जांच पडताल शुरु की और एक महीना पहले ही हमने सीसीटीवी कैमरे भी लगाये.’’ उन्होंने विस्तार में बताये बिना कहा, ‘‘सक्षम तंत्र और प्राधिकरण को इसकी जानकारी दी गई कि आधिकारिक दस्तावेज बाहर जा रहे हैं.’’ उन्होंने यह नहीं बताया कि मंत्रालय ने आईबी और पुलिस की मामले में जांच के लिये कब कहा.
पेट्रोलियम मंत्रलय में हुये इस जासूसी कांड में मंत्रालय के सात कमरों में दस्तावेजों से छेडछाड की गई और उन्हें चुराया गया। इनमें दो संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों के कमरे शामिल हैं. ये अधिकारी उत्खनन और रिफाइनिंग जैसे महत्वपूर्ण विभागों को देखते हैं. इनके कमरों को नकली चाबी से खोला गया. प्रधान ने कहा, ‘‘किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा .. कोई भी कानून नहीं तोड सकता चाहे वह कितना ही ताकतवर क्यों न हो.
हम किसी को भी सरकारी तंत्र को नुकसान नहीं पहुंचाने दे सकते हैं.’’ मंत्रालय के कनिष्ठ स्तर के तीन कर्मचारियों को दिल्ली पुलिस ने पकडा है जो कि कथित तौर पर नकली चाबियों के जरिये कमरे खोलकर वहां से दस्तावेजों की चोरी करते थे। इन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है. पूर्व पत्रकार और कथित तौर पर मंत्रलय से चुराये गये दस्तावेजों को खरीदने वाले शांतनु सैकिया द्वारा 10,000 करोड रपये का घोटाला होने के दावे के बारे में पूछे जाने पर प्रधान ने कहा, ‘‘वह कुछ भी कहने को स्वतंत्र हैं. सब कुछ की जांच की जा रही है.’’