कालाधन: आयकर विभाग 100 से अधिक मुकदमे दायर करेगा

नयी दिल्ली : आयकर विभाग ऐसे लोगों व इकाइयों के खिलाफ ‘जानबूझकर’ कर चोरी करने के लिए 100 से अधिक नए मुकदमे करने की तैयारी में है जिनके नाम एचएसबीसी जिनीवा में कालाधन रखने वालों की सूची में सामने आए हैं. सूत्रों के मुताबिक, विभाग अंतिम आकलन करने और इन मामलों में मुकदमे दायर करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2015 1:23 PM

नयी दिल्ली : आयकर विभाग ऐसे लोगों व इकाइयों के खिलाफ ‘जानबूझकर’ कर चोरी करने के लिए 100 से अधिक नए मुकदमे करने की तैयारी में है जिनके नाम एचएसबीसी जिनीवा में कालाधन रखने वालों की सूची में सामने आए हैं. सूत्रों के मुताबिक, विभाग अंतिम आकलन करने और इन मामलों में मुकदमे दायर करने के बाद करों व जुर्माने के तौर पर करीब 3,200 करोड रुपये अतिरिक्त राजस्व का संग्रह कर सकता है.अधिकारियों ने कहा कि कर अधिकारी जांच के बाद आयकर कानून की धारा 276 सी :1: और धारा 276डी के तहत अदालत में आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की शिकायतें दायर करेंगे.

मामले से जुडे एक सूत्र ने कहा, ‘‘ एचएसबीसी बैंक की जिनीवा शाखा में काला धन मामलों में 31 मार्च से पहले 100 या इससे अधिक मुकदमे दायर किए जाएंगे. अभी तक इस तरह की करीब 60 शिकायतें पहले ही दायर की जा चुकी हैं.’’ उन्होंने कहा कि करीब 3,200 करोड रुपये का अतिरिक्त राजस्व विभाग द्वारा जुटाया जाएगा जिससे इन मामलों में जांच के बाद आय की कुल राशि करीब 7,000 करोड रुपये पहुंच जाएगी. अभी तक करीब 3,150 करोड रपये के कर या राजस्व का संग्रह किया जा चुका है.

आयकर विभाग इस समय करीब 240 एचएसबीसी मामलों की जांच करने पर काम कर रहा है. इन मामलों में संदेह है कि भारतीयों ने अपना अवैध धन विदेशों में जमा कर रखा है. पिछले साल 31 दिसंबर तक आयकर विभाग द्वारा कुल 628 भारतीय नामों या इकाइयों में से 128 मामलों में आकलन का काम पूरा किया गया। ये नाम कुछ वर्षों पहले फ्रांस द्वारा भारत को उपलब्ध कराई गई सूची में शामिल थे.

इन 628 लोगों में से 200 लोग या तो अनिवासी भारतीय हैं या उनका पता नहीं चल सका है जिससे 428 मामलों पर ही कर अधिकारियों द्वारा जांच की कार्रवाई की जा सकती है. आयकर विभाग इन मामलों पर तेजी से कार्रवाई इसलिए भी कर रहा है क्योंकि इन मामलों के लिए ‘टाइम बार’ की सीमा 31 मार्च है और इसके बाद इन मामलों में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकेगी.

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