तिताबोर (असम): असम के विभाजन की मांग को सिरे से खारिज करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने आज कहा कि सभी जातीय समूहों को एकजुट रहने की जरुरत है.गोगोई ने कहा, ‘‘मैं असम का विभाजन नहीं करने जा रहा हूं. हम सबों को एक साथ रहने की जरुरत है. बंद की संस्कृति को बंद करें और काम की संस्कृति को आगे बढ़ायें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जब हम एक रहेंगे तब दूसरे हमें तोड़ने से डरेंगे.
हम राभा, बोडो, कार्बी, गोरखा या अल्पसंख्यक हो सकते हैं. लेकिन हम सब को सादिया से धुबरी तक एक असम की छत के नीचे मिलकर रहने की जरुरत है.’’ गोगोई ने थेंगल कछाड़ी स्वायत्त परिषद की ओर से मेधावी छात्रों को ज्ञान विकास बोता पुरस्कार वितरण समारोह में राज्य में एकता कायम रखने और एक साथ रहने की जरुरत पर जोर दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘ बंद की संस्कृति से अमीरों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन गरीब किसान और दिहाड़ी मजदूर प्रभावित होते हैं. बंद की संस्कृति को समाप्त करें और काम की संस्कृति को आगे बढ़ायें.’’ असम में विभिन्न जातीय समुदायों की ओर से पृथक राज्य की मांग का अप्रत्यक्ष उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हिंसा से किसी समस्या का समाधान नहीं निकाला जा सकता है और केवल बातचीत से ही समाधान निकल सकता है.