नयी दिल्लीः जबर्दस्त विरोध के बीच सरकार भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की जगह नया विधेयक ला रही है. इसको लेकर संसद के अंदर और बाहर इसकी आलोचना और विरोध जारी है. जहां एक ओर अन्ना सहित कई समाजसेवी इस अध्यादेश के विरोध में धरना-प्रदर्शन पर हैं वही संघ की ही एक शाखा भारतीय किसान संघ ने इसको लेकर प्रदर्शन की धमकी दी है. इसको लेकर भाजपा सरकार मुसीबत में नजर आ रही है. ऐसी खबर है कि आज इसको लेकर राजनाथ सिंह के आवास में बैठक है जिसमें इसको लेकर चर्चा की जाने की संभावना है.
अन्ना बोले, इस बार अनशन नहीं, जेल भरो आंदोलन
इसको लेकर अन्ना हजारे ने आंदोलन शुरु कर दिया है. उन्होंने चेतावनी दी है कि इस बार अनशन नहीं बल्कि जेल भरो आंदोलन शुरु होगा. अन्ना ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार भूमि अधिग्रहण के मामले में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं के लिए कम से कम 70 प्रतिशत और निजी कंपनियों के लिए कम से कम 80 प्रतिशत भू स्वामियों की सहमति आवश्यक है. मौजूदा अध्यादेश में इसे भी हटा दिया गया है.
भाजपा नेता विरेंद्र सिंह भी नाराज
भूमि अधिग्रहण को लेकर भाजपा और संघ के अंदर भी नाराजगी है. भाजपा नेता विरेंद्र सिंह भी भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लेकर असंतुष्ट है.
भारतीय किसान संघ के महासचिव ने विरोध प्रदर्शन की धमकी दी
राष्ट्र स्वयं सेवक संघ की किसान शाखा-भारतीय किसान संघ ने भूमि अध्यादेश पर केंद्र सरकार की आलोचना की है और धमकी दी है कि अगर सरकार अध्यादेश वापस नहीं लेती तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे. भारतीय किसान संघ के महासचिव प्रभाकर केलकर ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान पारित भूमि अधिग्रहण अधिनियम में ऐसे सख्त प्रावधान है जिनके तहत किसी भूमि का अधिग्रहण लगभग असंभव है लेकिन दूसरी ओर मौजूदा सरकार ने निजी उद्योगों के लिए भूमि अधिग्रहण करने में 80 प्रतिशत भू-स्वामियों की सहमति का प्रावधान ही हटा दिया. श्री केलकर ने कहा कि सरकार को अध्यादेश लाने से पहले किसानों को विश्वास में लेना चाहिए था.
आज शाम सरकार के शीर्ष नेताओं की बैठक
इसको देखते हुए आज गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर में बैठक बुलायी गयी है. इस बैठक में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर विचार किये जाने की संभावना है.