नयी दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज संसद के बजट सत्र के संयुक्त अधिवेशन में दिये गए अपने अभिभाषण में भाजपा के जुडे तीन दिग्गज नेताओं श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उद्धृत किया.
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण की शुरुआत में ही डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा था, ‘ भारत की सबसे बडी शक्ति इसकी समृद्ध आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत है’. ’’ उन्होंने कहा कि हमारी सभ्यता का मूल मंत्र सर्वजन हिताय अर्थात सबकी भलायी है.
अपने अभिभाषण के तीसरे पैरा में राष्ट्रपति ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय का उल्लेख करते हुए कहा , ‘‘ उन्होंने हर व्यक्ति के समग्र विकास पर बल दिया था.. ‘एकात्मक मानवता दर्शन (एकीकृत मानवतावाद). मेरी सरकार समाज के गरीब, कमजोर और लाभ वंचित वर्गो के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है.’’
अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग तथा अल्पसंख्यक समुदाय के लिए चलायी जा रही सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते समय राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि ‘गरीबी के अनेक दुष्प्रभाव हैं. अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने के अलावा यह हमारे लोकतंत्र को भी कमजोर बनाती है’.वाजपेयी के इस उद्धरण के फौरन बाद मुखर्जी ने कहा, ‘‘ समाज के अत्यंत संवेदनशील एवं वंचित वर्गो के सर्वाधिक गरीब तबके को साथ लेते हुए सबका समेकित विकास मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.’’