भरतपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि मदर टेरेसा की गरीबों की सेवा के पीछे का मुख्य मकसद ईसाई धर्म में धर्मातरण कराना था. एनजीओ ‘अपना घर’ के समारोह में भागवत ने कहा, ‘मदर टेरेसा की सेवा अच्छी रही होगी. परंतु, इसमें एक उद्देश्य जिसकी सेवा की जा रही है,
उसका ईसाई धर्म में धर्मातरण कराना था.’ कहा कि सवाल सिर्फ धर्मातरण का नहीं है.उनके इस बयान पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विअर पर लिखा है कि मुझे उनके साथ कुछ वक्त काम करने का मौका मिला था. वह एक महान आत्मा थीं. इस तरह का बयान देश के लोगों को आहत करता है.
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा है कि भाजपा को भागवत के इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए. इस मामले को हम संसद में उठायेंगे. मदर टरेसा का इस तरह से अपमान बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
I worked wid Mother Teresa for a few months at Nirmal Hriday ashram in Kolkata. She was a noble soul. Pl spare her.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 24, 2015
मोहन भागवत ने कहा किअगर यह सेवा के नाम पर किया जाता है, तो सेवा का मूल्य खत्म हो जाता है. भागवत ने कहा, ‘परंतु यहां (एनजीओ) उद्देश्य विशुद्ध रूप से गरीबों और असहाय लोगों की सेवा करना है.’ भागवत भरतपुर से करीब आठ किलोमीटर दूर बजहेरा गांव में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. गांव में उन्होंने महिला सदन और शिशु बाल गृह का उद्घाटन किया.
हलांकि बाद में आरएसएस ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि मीडिया ने ‘‘गलत’’ तरीके से रिपोर्ट किया और भागवत ने केवल पूर्व बीएसएफ डीजी की टिप्पणियों का जवाब दिया था. संघ के ट्विटर हेंडल पर कहा गया है, ‘‘ मीडिया गलत रिपोर्ट कर रहा है. भरतपुर में , बीएसएफ के पूर्व डीजी ने कहा कि मदर टेरेसा ने धर्मांतरण के मकसद से सेवा की.’’
एक अन्य ट्विट में संघ के संचार विभाग के प्रमुख एम वैद्य ने कहा, ‘‘ जवाब में भागवत जी ने कहा, ‘‘ सेवा करने के लिए अपना मकसद मदर टेरेसा जानें , हम तो किसी फायदे की उम्मीद के बिना सेवा करते हैं.’’ तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने भागवत की इन टिप्पणियों की निंदा की और कहा कि मदर टेरेसा केवल ईसाइयत के बारे में नहीं हैं बल्कि एक वैश्विक हस्ती हैं जिनसे हर कोई प्यार करता है. उन्होंने कहा, ‘‘ चूंकि मैं कोलकाता से हूं इसलिए जो उन्होंने कहा है , वह सुनना और भी खराब लगता है.’’