भूमि अधिग्रहण अध्यादेश : रास में विपक्ष ने घेरा, सरकार ने दिये बातचीत के संकेत

नयी दिल्ली : भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को किसान विरोधी करार देते हुए आज एकजुट विपक्ष ने राज्यसभा में सरकार पर चौतरफा हमला किया हालांकि सरकार ने संकेत दिया कि इस मुद्दे का समाधान ढूंढने के लिए सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत की जा सकती है. उच्च सदन में आज कांग्रेस, वाम, जदयू, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2015 1:40 PM

नयी दिल्ली : भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को किसान विरोधी करार देते हुए आज एकजुट विपक्ष ने राज्यसभा में सरकार पर चौतरफा हमला किया हालांकि सरकार ने संकेत दिया कि इस मुद्दे का समाधान ढूंढने के लिए सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत की जा सकती है.

उच्च सदन में आज कांग्रेस, वाम, जदयू, सपा, तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को किसानों और कृषि क्षेत्र के हितों को तबाह करने वाला तथा कार्पोरेट समूहों के हितों वाला करार देते हुए इसके विवादास्पद प्रावधानों को वापस लेने की मांग की. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वह इस मुद्दे पर विभिन्न पार्टियों के साथ बातचीत के संबंध में दिये गये सुझाव से संबद्ध मंत्री को अवगत करायेंगे.

सदन के नेता के इस आश्वासन के बाद सदन में सामान्य ढंग से कामकाज होने लगा क्योंकि इससे पहले करीब एक घंटे इस मुद्दे पर दोनों पक्षों की ओर से तीखी बहस हुई. जेटली ने यह बात सपा नेता रामगोपाल यादव के इस सुझाव के जवाब में कही कि सरकार को भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के मुद्दे पर गतिरोध समाप्त करने के लिए सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से बातचीत करनी चाहिए ताकि किसानों के हितों का संरक्षण भी हो जाये और विकास गतिविधियों को भी जारी रखा जा सके.

जदयू के के. सी. त्यागी ने यादव के सुझाव का समर्थन करते हुए कहा कि सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलानी चाहिए. इस मुद्दे को अन्य नेताओं द्वारा उठाये जाने की मांग किये जाने पर उपसभापति पी. जे. कुरियन ने कहा कि जब सदन के नेता जेटली यह कह चुके हैं कि सरकार इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत करेगी तो फिर इस पर सदन में अभी चर्चा की जरुरत नहीं है.

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