सरकार को उम्मीद, मौजूदा सत्र में पारित हो सकता है जीएसटी विधेयक
नयी दिल्ली: सरकार ने उम्मीद जतायी है कि बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक संसद के चालू बजट सत्र के दौरान पारित कर दिया जाएगा. देश भर में नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली शुरू करने के लिए संविधान को संशोधित करने के उद्देश्य से सरकार ने पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक […]
नयी दिल्ली: सरकार ने उम्मीद जतायी है कि बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक संसद के चालू बजट सत्र के दौरान पारित कर दिया जाएगा. देश भर में नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली शुरू करने के लिए संविधान को संशोधित करने के उद्देश्य से सरकार ने पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक 2014 पेश किया था.
वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने आज राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि सरकार का प्रस्ताव है कि इस विधेयक पर वर्तमान सत्र में विचार होगा और इसे पारित कर दिया जाएगा. समझा जाता है कि जीएसटी से राज्यों की राजस्व पैदा करने की क्षमता में सुधार होगा.
हालांकि अप्रत्यक्ष कर संरचना में बदलाव की वजह से कुछ राज्यों को शुरुआती वर्षों में राजस्व में कमी का सामना करना पड़ सकता है. सिन्हा ने बताया ‘परिवर्तन की इस अवधि में राज्यों की मदद करने के लिए केंद्र ने जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण होने वाली सभी हानियों के लिए राज्यों को अगले पांच साल की अवधि में घटते हुए आधार पर क्षतिपूर्ति करने की प्रतिबद्धता जतायी है.’
यह पूछे जाने पर कि पहले जीएसटी का कड़ा विरोध करने वाला गुजरात अब इसका समर्थन क्यों कर रहा है, सिन्हा ने कहा कि गुजरात एक निर्माण गतिविधियों वाला राज्य (मैन्युफैक्चरिंग स्टेट) है और वहां निर्माण से बड़ा राजस्व पैदा होता है. जाहिर है कि जीएसटी को लेकर उसके अलग मुद्दे हैं.
उन्होंने बताया कि जीएसटी लागू करने में बाधक विवादास्पद मुद्दों के हल के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ 11 दिसंबर 2014 को और 15 दिसंबर 2014 को दो बैठकें आयोजित की गयी थीं.दोनों बैठकों में व्यापक आम सहमति के आधार पर सरकार ने देश में वस्तु एवं सेवा कर लागू करने को सुगम बनाने के लिए संविधान में संशोधन के उद्देश्य से 19 दिसंबर 2014 को लोकसभा में संविधान के 122वें संशोधन के साथ विधेयक पेश किया था.
सिन्हा ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2010-11, 2011-12 और 2012-13 के लिए केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) 4 फीसदी से घट कर 2 फीसदी होने पर राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सहमति जतायी है.
उन्होंने बताया कि तीनों वित्त वर्ष के लिए क्षतिपूर्ति की राशि चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2014-15, 2015-16 और 2016-17 में जारी किये जाने का प्रस्ताव है.सिन्हा के अनुसार, सीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए सरकार ने बजट में 11,000 रुपये का प्रावधान रखा है.