हमने स्वीकार कर लिया राज्यों का हिस्सा बढ़ाने की सिफारिश : नरेंद्र मोदी
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार ने केंद्रीय करों में राज्यों का हिस्सा उल्लेखनीय रूप से बढ़ाये जाने की वित्त आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है. साथ ही मोदी ने राज्य सरकारों से अपनी जरूरतों के हिसाब से योजना तैयार करने को कहा. सभी मुख्यमंत्रियों को लिखे […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
February 24, 2015 5:24 PM
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार ने केंद्रीय करों में राज्यों का हिस्सा उल्लेखनीय रूप से बढ़ाये जाने की वित्त आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है. साथ ही मोदी ने राज्य सरकारों से अपनी जरूरतों के हिसाब से योजना तैयार करने को कहा.
सभी मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि राज्य केंद्र प्रायोजित योजनाओं में संशोधन करने और अपनी विकास योजनाएं खुद तैयार करने के लिए स्वतंत्र हैं. उन्होंने लिखा है, ‘‘14वें वित्त आयोग ने विभाजनीय संसाधनों में राज्यों की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत बढ़ाने की सिफारिश की है. इसकी तुलना में पिछले वित्त आयोगों की सफारिशें में वृद्धि का अनुपात काफी कम रहा है.’’ विभाजन योग्य केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी अब 42 प्रतिशत होगी जो पहले 32 प्रतिशत थी.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा है, ‘‘2015-16 में राज्यों को हस्तांतरित की जाने वाली राशि 2014-15 की तुलना में काफी ऊंची होगी. जाहिर है कि इससे केंद्र सरकार के पास काफी कम धन बचेगा.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों की मजबूत होने से ही भारत की बुनियाद मजबूत होगी और केंद्र राज्यों को हर संभव तरीके से सशक्त बनाने के प्रति वचनबद्ध है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि राज्यों को इस बात की आजादी होनी चाहिए कि वे वित्तीय सावधानी और अनुशासन के साथ अपनी नीतियां और कार्यक्रम बनाने को स्वतंत्र हों और उनके पास अधिक वित्तीय शक्ति और स्वायत्तता हो.’’ भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाइवी रेड्डी की अध्यक्षता में गठित 14वें वित्त आयोग के सुझावों को लागू करने से केंद्रीय कर राजस्व में केंद्र का हिस्सा अब पहले से कम होगा.
मोदी ने कहा, ‘‘हमने 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों को सकारात्मक भाव से स्वीकार किया है, क्योंकि ये सिफारिशें आपकी (राज्य) प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के अनुसार योजनाओं की अभिकल्पना और क्रियान्वयन में आपके हाथ को मजबूत करने वाली हैं.’’ प्रधानमंत्री ने महत्वपूर्ण चुनौतियों का मुकाबला करने राज्यों से सहयोग की अपील की है.
उन्होंने कहा, ‘‘मुङो उम्मीद है कि राज्य सरकारें अपनी महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं के साथ योजनाएं तैयार करेंगी और उसके लिए संसाधन रखेंगी. हमें योजनाओं और परियोजनाओं के मूल्यांकन की एक मजबूत प्रणाली अपनानी होगी. मैं इस प्रयास में आपके साथ मिलकर काम करुंगा. हमें मिल कर काम की गुणवत्ता के मानक और उनके क्रियान्वयन की रफ्तार निर्धारित करनी है.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्त आयोग चाहता था कि राज्यों की सभी योजनाओं का वित्त पोषण केंद्र से हस्तांतरित संसाधनों से किया जाए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गरीबी उन्मूलन, मनरेगा, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, कृषि तथा राष्ट्रीय प्राथमिकताओं वाली कुछ और योजनाओं को समर्थन देती रहेगी.
मोदी ने कहा, ‘‘जब आपके पास संसाधनों की भरमार हो रही है तो मैं चाहूंगा कि आप केंद्र सरकार द्वारा समर्थित कुछ पुरानी योजनाओं और कार्यक्रमों पर फिर से विचार करें. राज्य अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अपनी मर्जी के हिसाब से इन योजनाओं और कार्यक्रमों को जारी रखने या इनमें बदलाव करने को स्वतंत्र हैं.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हम केंद्र के स्तर पर नियोजन की कठोर व्यवस्था से हट रहे हैं, क्योंकि उसमें सभी राज्यों को एक ही पलड़े पर तौला जाता है. राज्य सरकारें इस तरह के दृष्टिकोण के खिलाफ बराबर अवाज उठाती रही थी.
मोदी ने कहा कि राजग सरकार ने राज्य सरकारों को अधिकतम धन के हस्तांतरण करने और उन्हें अपने विकास की राह खुद तय करने की आजादी देने का फैसला किया है. इस तरह से सरकार ने देश की नियोजन प्रक्रिया को लेकर लंबे समय से चली आ रही शिकायतों और अनुभव की जा रही कमियों को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत अतिरिक्त संसाधन मिलने से आपको योजना बनाने में आजादी मिलेगी.
मोदी ने कहा, ‘‘मैंने सहयोगपूर्ण संघवाद का वादा किया है और यह सब उसी दिशा में उठाया गया कदम है. हमने राज्यों को राष्ट्रीय प्राथमिकताएं तय करने की बातचीत में शामिल करने का फैसला किया है. यह देश को तीव्र परंतु समावेशी वृद्धि की राह पर ले जाने की हमारी रणनीति का यह हिस्सा है. इसे सहयोगपूर्ण संघवाद के जरिये प्राप्त करने का लक्ष्य है और यह अवधारणा ही सही संघीय व्यवस्था है.’’ इसी संदर्भ में उन्होंने योजना आयोग की जगह नीति आयोग के गठन का भी जिक्र किया.