अध्यादेशों को कानूनी जामा पहनाने को सरकार बुला सकती है संसद की संयुक्त बैठक

नयी दिल्ली: राज्यसभा में पर्याप्त संख्या बल नहीं होने के कारण कई अध्यादेशों को कानूनी जामा पहनाने में विफल रहने की स्थिति में राजग सरकार बजट सत्र के बाद संसद का संयुक्त सत्र बुला सकती है. सरकार के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि यदि सरकार मई के शुरुआती सप्ताह में संपन्न होने जा रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2015 9:34 PM

नयी दिल्ली: राज्यसभा में पर्याप्त संख्या बल नहीं होने के कारण कई अध्यादेशों को कानूनी जामा पहनाने में विफल रहने की स्थिति में राजग सरकार बजट सत्र के बाद संसद का संयुक्त सत्र बुला सकती है.

सरकार के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि यदि सरकार मई के शुरुआती सप्ताह में संपन्न होने जा रहे बजट सत्र में बीमा और कोयला सेक्टर समेत कई महत्वपूर्ण आर्थिक विधेयकों को पारित कराने में विफल रहती है तो इस विकल्प को अपनाया जा सकता है. इनमें से कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए सरकार पहले ही अध्यादेश लागू कर चुकी है और अब विधेयकों के जरिए इन्हें कानून का रुप देना है.

सूत्रों ने बताया कि सरकार बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढाने के लिए बीमा कानून संशोधन विधेयक जल्द से जल्द पेश करने पर विचार कर रही है क्योंकि अध्यादेश जारी होने के कारण पहला विधेयक निष्प्रभावी हो चुका है.सूत्रों ने बताया, ‘‘ पुराने विधेयक निष्प्रभावी हो चुके हैं. अध्यादेशों पर आधारित विधेयक पेश किए जाएंगे. बीमा क्षेत्र से जुडे विधेयक का भी यही मामला है.’’ दिसंबर में राष्ट्रपति ने बीमा क्षेत्र के लिए अध्यादेश को लागू किया था और कोयला क्षेत्र संबंधी अध्यादेश को पुन: लागू किया गया था. यह कदम संसद के शीतकालीन सत्र के संपन्न होने के एक दिन बाद उठाया गया.

बीमा कानून संशोधन विधेयक 2008 पर राज्यसभा की प्रवर समिति की मंजूरी के बावजूद धर्मांतरण तथा अन्य मुद्दों पर हंगामे के कारण संसद में चर्चा नहीं हो सकी थी.

Next Article

Exit mobile version