जम्मू-कश्मीर से धारा 307 हटाने पर अभी कोई विचार नहीं : हरिभाई चौधरी
नयी दिल्ली : गृह राज्य मंत्री हरिभाई चौधरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 307 हटाने का अभी सरकार का कोई विचार नहीं है. चौधरी ने राज्यसभा में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डा. संजय सिंह के सवाल के जवाब में कहा कि सरकार जम्मू कश्मीर से अभी धारा 307 नहीं हटाएगी. सरकार का मानना है […]
नयी दिल्ली : गृह राज्य मंत्री हरिभाई चौधरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 307 हटाने का अभी सरकार का कोई विचार नहीं है. चौधरी ने राज्यसभा में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डा. संजय सिंह के सवाल के जवाब में कहा कि सरकार जम्मू कश्मीर से अभी धारा 307 नहीं हटाएगी.
सरकार का मानना है कि जम्मू कश्मीर में धारा 307 केंद्र और राज्य को जोड़ने के लिए बनाया गया था; जबतक आम सहमती नहीं होगी सरकार धारा 307 नहीं हटाएगी.कांग्रेस सांसद ने सवाल उठाया था कि क्या भाजपा नीत सरकार जम्मू कश्मीर से धारा 307 हटाने वाली है. इसपर जवाब देते हुए चौधरी ने कहा कि सरकार की योजनाओं में अभी जम्मू कश्मीर से धारा 307 हटाना शामिल नहीं है.
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में दिसंबर में हुए विधानसभा चुनावों के बाद नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता ने भाजपा को काफी सीटें तो दिला दीं लेकिन पार्टी बहुमत से काफी दूर रही. इसका एक कारण धारा 307 पर भाजपा का कड़ा रूख भी माना जाता रहा है. अभी हाल ही में इतने दिनों बाद जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के लिए भाजपा और पीडीपी में बाचतीच अंतिम चरणों में पहुंच चुकी है. पीडीपी का चुनावी मुद्दा धारा 307 के इर्द-गिर्द ही घुमता रहा था.
ऐसे में भाजपा के साथ पीडीपी के आने की बात जनता पचा नहीं पा रही है. दो महीने के इंतजार के बाद जम्मू कश्मीर में बनने जा रही पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के संभावित मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने भी कहा कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम में अनुच्छेद 370 और अफ्सपा जैसे विवादित मुद्दों पर भाजपा के साथ मतभेदों को सुलझा लिया गया है.
सईद ने कहा कि पीडीपी-भाजपा गठबंधन के लिए यह ऐतिहासिक अवसर होगा कि राज्य के दोनों क्षेत्रों के बीच दशकों के अविश्वास को खत्म किया जाए. उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा के पास जो जनाधार है उससे राज्य की गठबंधन सरकार शांति और विकास के मोर्चे पर काफी कुछ हासिल कर सकेगी.
सईद ने यहां बताया, ‘मैं इसे (पीडीपी-भाजपा गठबंधन को) राज्य के कश्मीर और जम्मू क्षेत्रों के बीच दशकों से चले आ रहे अविश्वास को खत्म करने के ऐतिहासिक अवसर के रूप में देखता हूं.’ सईद की पीडीपी और भाजपा के बीच सरकार बनने के आसार दिख रहे हैं.
सईद ने कहा कि पिछले वर्ष राज्य विधानसभा की तरफ से दिए गए जनादेश ने आवश्यक कर दिया था कि शांति एवं विकास के एजेंडे पर दोनों दल एकजुट हों. 87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी ने 28 सीटें और भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की. दोनों दल सरकार बनाने के लिए आवश्यक 44 के आंकडे से काफी उपर हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कोई दूसरा विकल्प नहीं है (पीडीपी-भाजपा गठबंधन के अलावा). हमें नेशनल कान्फ्रेंस के साथ ही कांग्रेस से भी सरकार बनाने के लिए पेशकश मिली लेकिन केवल शासन करना हमारा उद्देश्य नहीं है. हमें शांति के एजेंडे पर भी काम करना है.’
सईद के कल नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करने की संभावना है. भाजपा जहां संविधान से अनुच्छेद 370 को हटाने की वकालत कर रही है वहीं पीडीपी संविधान के प्रावधानों को मजबूत करने के पक्ष में है ताकि भारतीय संघ में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा हासिल हो. दोनों दलों का सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफ्सपा) को लेकर भी बिल्कुल विपरीत दृष्टिकोण है, जिसके तहत राज्य में सशस्त्र बलों को मुकदमे से छूट मिली हुई है.