Loading election data...

जानिए! ”रेल मंत्री” ”सुरेश प्रभाकर प्रभु” के बारे में कुछ खास बातें

।। अमलेश नंदन सिन्‍हा ।। सुरेश प्रभाकर प्रभु नरेंद्र मोदी सरकार में एक महत्‍वपूर्ण मंत्रालय ‘रेलवे’ के मंत्री हैं. महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव के समय शिवसेना से खटपट होने के बावजूद भाजपा ने सुरेश प्रभाकर प्रभु को रेलवे मंत्री बनाया. इस समय शिवसेना ने स्‍पष्‍ट कर दिया था कि अगर सुरेश प्रभु को भाजपा कोई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 26, 2015 2:10 PM

।। अमलेश नंदन सिन्‍हा ।।

सुरेश प्रभाकर प्रभु नरेंद्र मोदी सरकार में एक महत्‍वपूर्ण मंत्रालय ‘रेलवे’ के मंत्री हैं. महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव के समय शिवसेना से खटपट होने के बावजूद भाजपा ने सुरेश प्रभाकर प्रभु को रेलवे मंत्री बनाया. इस समय शिवसेना ने स्‍पष्‍ट कर दिया था कि अगर सुरेश प्रभु को भाजपा कोई मंत्रालय देती है तो इसे शिवसेना के कोटे से नहीं माना जाएगा. ऐसे में भाजपा ने सुरेश प्रभु को उत्‍तर प्रदेश से राज्‍यसभा में भेजा और अपने एक अहम मंत्रालय की जिम्‍मेवारी उनके कंधो पर डाल दी. गुरुवार 26 फरवरी को रेल मंत्री सुरेश प्रभु नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से पहला पूर्ण रेल बजट पेश कर रहे हैं. इससे जनता को काफी उम्‍मीदें हैं.

राजनैतिक अनुभव

1998 से 2004 के दौरान अटल सरकार में सुरेश प्रभु ने कई महत्‍वपूर्ण दायित्‍वों का निर्वहन किया है. प्रभु एनडीए सरकार में शिवसेना की ओर से उद्योग मंत्री रहे हैं. इसके अलावे उन्‍होंने वन एवं पर्यावरण, फर्टिलाइजर एवं केमिकल, ऊर्जा, भारी उद्योग एव लोक उपक्रम जैसे मंत्रालयों का कमान भी संभाला है. ऊर्जा मंत्री के रूप में सुरेश प्रभु की कई उपलब्धियां रही हैं. वे वृहद सुधारों के लिए भी जाने जाते हैं.

उन्‍होंने ऊर्जा मंत्रालय की ओर से ऊर्जा अधिनियम 2003 को लाया जिससे राज्‍यों को काफी फायदा मिला. प्रभु 1996 से चार बार लोकसभा के सदस्‍य रहे हैं. 2009 के आम चुनाव में प्रभु चुनाव हार गये. ‘एशियाविक’ की ओर से प्रभु को भविष्‍य के तीन में से एक भावी लीडरों की सूची में रखी. 2013 में अमेरिका में आयोजित व्हार्टन इंडिया इकोनॉमिक फोरम 2013 में नरेंद्र मोदी के भाषण को रद्द करने पर प्रभु ने कड़ी आपत्ति दर्ज की थी.

उन्‍होंने अपने यूनिवर्सिटी के दौरे को भी रद्द कर दिया था. इसी वजह से मौजूदा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार ने सत्ता सुधार पर एक उच्च स्तरीय पैनल के प्रमुख के रूप में उन्हें नियुक्त किया. ”बिजली, कोयला और अक्षय ऊर्जा के समन्वित विकास के लिए" गठित एक उच्‍च स्‍तरीय समिति में भी जुलाई 2014 में प्रभु को स्‍थान दिया गया. इसके बाद 9 नवंबर 2014 को प्रभु को रेलवे मंत्री बनाया गया. इसके साथ ही प्रभु संसदीय समिति के सदस्‍य भी बनाए गए.

व्‍यक्तिगत अनुभव

सुरेश प्रभु का जन्‍म 11 जुलाई 1953 में हुआ. ये एक चार्टर्ड एकाउंटेंट है और इंस्‍टीच्‍यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया के सदस्‍य भी हैं. प्रभु शिवसेना की ओर से महाराष्‍ट्र के राजापुर लोकसभा सीट से लोकसभा के सदस्‍य भी रहे हैं. 9 नवंबर 2014 को प्रभु शिवसेना छोड़कर भाजपा में शामिल हुए. प्रभु ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा श्रद्धाश्रम विद्या मंदिर, दादर से पूरी की. उन्‍होंने एमएल दहानुकर कॉलेज विले पार्ले से वाणिज्‍य में स्‍नातक की डिग्री हासिल की.

इसके साथ ही उन्‍होंने न्‍यू लॉ कॉलेज मुंबई से लॉ की डिग्री भी हासिल की. सीए परीक्षा में प्रभु ने ऑल इंडिया में 11वां रैंक हासिल किया.फ्रे यूनिवर्सिटी, बर्लिन से प्रभु ने पीएचडी की डिग्री ली है. रेल मंत्री बनाये जाने से पूर्व प्रभु अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कई विभिन्‍न मंत्रालयों को संभालते रहे हैं. एक राजनीतिक व्‍यक्तित्‍व होने का बावजूद भी प्रभु कठोर राजनीतिक बयानों से हमेशा दूर रहे. उनका ध्‍यान केवल अपने काम पर रहता है. यही कारण है कि नरेंद्र मोदी ने भी इनको अपने कैबिनेट में जगह दी है.

इससे पहले प्रभु विभिन्‍न सरकारी और अर्द्धसरकारी पदों पर रहे हैं. वे कई बोर्ड के सदस्‍य और अध्‍यक्ष भी रह चुके हैं. प्रभु महाराष्‍ट्र स्‍टेट फाइनेंस कमिशन और सारस्‍वत को-ऑपरेटिव बैंक के अध्‍यक्ष के पद भी सेवा दे चुके हैं. इसके अलावे महाराष्‍ट्र टूरिज्‍म डेवलपमेंट बोर्ड के सदस्‍य भी रहे हैं. सुरेश प्रभु की पत्‍नी एक पत्रकार हैं, जिनका नाम उमा प्रभु है. उनका एक बेटा आमया प्रभु भी है.

सामाजिक कार्य

सुरेश प्रभु की अगुवाई में एक एनजीओ ‘ मानव साधन विकास संस्‍था’ संचालित की जाती है. इस संस्‍था का मुख्‍य उद्देश्‍य लोगों को सशक्‍त बनाना है. 1998 में तैया यह एनजीओ लोगों की जीवनशैली को बदलने में काफी अहम रोल निभा रहा है. संस्‍था के माध्‍यम से लोगों को राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, शारीरिक, पर्यावरण आदि के लिए जागरुक करने का काम किया जा रहा है. प्रभु इसके अलावे अपने संसदीय क्षेत्र में सामाजिक कार्यों में बढ़चढ कर हिस्‍सा लेते रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version