सच्चर आयोग की तीन सिफारिशें नामंजूर
नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने सच्चर आयोग की तीन सिफारिशों को अस्वीकार कर दिया है जिसमें राज्य एवं केंद्रीय वक्फ परिषद की कार्यप्रणाली को व्यवस्थित करने के लिए अधिकारियों का नया अखिल भारतीय संवर्ग का सृजन करना शामिल है.सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, समान […]
नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने सच्चर आयोग की तीन सिफारिशों को अस्वीकार कर दिया है जिसमें राज्य एवं केंद्रीय वक्फ परिषद की कार्यप्रणाली को व्यवस्थित करने के लिए अधिकारियों का नया अखिल भारतीय संवर्ग का सृजन करना शामिल है.सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, समान अवसर आयोग की कार्यप्रणाली एवं संरचना के बारे में अध्ययन के लिए गठित विशेषज्ञ दल ने मार्च 2008 में रिपोर्ट पेश कर दी है और इसके प्रारुप के बारे में विधेयक तैयार करने पर विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों से विचार विमर्श चल रहा है.
समान अवसर आयोग के बारे में मंत्रालयों एवं विभागों से प्राप्त टिप्पणियों की जांच की गई और समान अवसर आयोग विधेयक 2013 का संशोधित रुप विधि एवं न्याय मंत्रालय को भेजा गया था. विधि एवं न्याय मंत्रालय ने कुछ टिप्पणियां की है जिसकी जांच की जा रही है. आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने जाति गणना 10 वर्षीय जनगणना कवायद के तौर पर करने और सामाजिक एवं धार्मिक समुदाय के अति पिछड़े लोगों को विश्वविद्यालयों एवं स्वायत्त कालेजों में वैकल्पिक प्रवेश मापदंड का प्रवधान किये जाने की सच्चर समिति की सिफारिश को भी अस्वीकार कर दिया गया है.
अरजलों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करना अथवा कम से कम अन्य पिछड़े वर्ग के कोटे में से ही अलग बनाए गए अति पिछड़े वर्ग में शामिल करने की एक सिफारिश पर गृह मंत्रालय अलग से कार्रवाई कर रहा है. आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार, सच्चर समिति की रिपोर्ट के आधार पर 76 सिफारिशें सूचीबद्ध की गई और इनमें से 72 सिफारिशों को संबंधित मंत्रालयों एवं विभागों ने स्वीकृति प्रदान कर दी.