तेजाब हमलों को रोकने के लिए कानून और कड़े करने की मांग
नयी दिल्ली : तेजाब हमलों पर रोक के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद तेजाब हमलों की घटनाएं नहीं थमीं और आम राय है कि जब तक कानून कठोरता से लागू न किया जाए, ऐसे हमलों को पूरी तरह से रोकना मुश्किल है.गैर सरकारी संगठन ‘स्टॉप एसिड अटैक’ के अभियान समन्वयक आशीष शुक्ला ने […]
नयी दिल्ली : तेजाब हमलों पर रोक के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद तेजाब हमलों की घटनाएं नहीं थमीं और आम राय है कि जब तक कानून कठोरता से लागू न किया जाए, ऐसे हमलों को पूरी तरह से रोकना मुश्किल है.गैर सरकारी संगठन ‘स्टॉप एसिड अटैक’ के अभियान समन्वयक आशीष शुक्ला ने बताया ‘‘उच्चतम न्यायालय ने तेजाब की बिक्री के बारे में दिशानिर्देश दिए हैं. लेकिन इनका पालन होना मुश्किल लगता है क्योंकि जिसने ऐसा जघन्य अपराध करने का मन बना लिया है उसके लिए फर्जी पहचान पत्र, पते का सबूत आदि जुटाना कौन सी बड़ी बात है. नए सिम कार्ड खरीदने के लिए भी ऐसे नियम तय हैं लेकिन इनका पालन कितना होता है, यह सबको पता है.’’
15 नवंबर 2008 को तेजाब हमले की शिकार हुई, फरीदाबाद निवासी अर्चना कहती हैं ‘‘जिसके उपर तेजाब डाला जाता है, उसकी पूरी जिंदगी तबाह हो जाती है. तेजाब के दुष्प्रभावों का अंत मौत के साथ ही होता है. हम यह जानते हुए जीते हैं कि हमारे लिए बहुत सारे रास्ते बंद हो चुके हैं क्योंकि हमारी क्षमताएं बहुत ही सीमित हो गई हैं. लेकिन तेजाब डालने वाला कुछ साल की सजा पा कर आराम की जिंदगी जीता है.’’ आशीष ने कहा ‘‘हाल ही में दिल्ली में फिर तेजाब हमले की घटना हुई जिससे पता चलता है कि तेजाब खरीदना मुश्किल नहीं है. जान पहचान का हवाला दे कर या अधिक रुपये दे कर तेजाब खरीदा जा सकता है.’’ आशीष ने कहा कि स्थानीय बाजार में तनु अम्ल यानी डाइल्यूट एसिड मिलता है लेकिन इसकी मात्राका हिसाब रखा जाना चाहिए कि कितना तनु अम्ल आया और कितने की बिक्री हुई. यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बाजार में तनु अम्ल ही आए.
दो मई को मुंबई में तेजाब हमले की शिकार हुई प्रीति राठी की सहेली संजीता ने कहा ‘‘प्रीति पर तेजाब डालने वाले का आज तक पता नहीं चला. मैंने अस्पताल में प्रीति को देखा था. उसका चेहरा पट्टियों में लिपटा था. एक जून को उसने दम तोड़ दिया. अगर वह बच जाती तो उसका चेहरा हर पल उसे उस भयावह हादसे की याद दिलाता रहता. प्रीति बहुत जिंदादिल लड़की थी लेकिन उसके सारे सपने तेजाब से जल गए थे.’’संजीता ने कहा ‘‘हमलावर आजाद है. पता नहीं, पकड़ा जाएगा या नहीं. पकड़े जाने पर उसे थोड़ी बहुत सजा हो जाएगी. पर प्रीति तो वापस नहीं आएगी. काश, तेजाब की बिक्री पर सचमुच रोक लग सकती. आज भी लगभग हर सप्ताह कहीं न कहीं तेजाब हमले की खबरें आ रही हैं. इसका मतलब यही है कि तेजाब बाजार में बिक रहा है.’’
आशीष ने कहा ‘‘तेजाब का नियमन बहुत जरुरी है. इसके बिना समस्या का हल नहीं निकलेगा. 18 साल से कम उम्र के लोगों को तंबाकू की बिक्री न करने की तख्ती धरी रह जाती है और बगल से अवयस्क धुएं का छल्ला बनाते हुए शान से गुजरता है. नियमों की धज्जियां उड़ जाती हैं. तेजाब अपवाद नहीं है. इसकी बिक्री तब ही रुकेगी जब कठोरतम कानून बने और उसका पालन भी कठोरता से हो.’’