नयी दिल्ली : रविवार को जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-भाजपा गठबंधन की सरकार का शपथ ग्रहण होने से पहले पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. मुलाकात के बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारे बीच बातचीत लगभग डेढ़ घंटे चली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू में रविवार को आयोजित मेरे शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे. शपथ ग्रहण समारोह के बाद एक मार्च को अपराह्न तीन बजे न्यूनतम साझा कार्यक्रम जारी किया जाएगा.वहीं दूसरी ओर खबर है कि भाजपा महासचिव राम माधव और जितेंद्र सिंह ने सईद से कश्मीर भवन में मुलाकात की है.
पीडीपी-भाजपा की सरकार बनने पर मुफ्ती एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री होंगे. प्रधानमंत्री और मुफ्ती के बीच यह मुलाकात भाजपा और पीडीपी के बीच एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर सहमति बनने के बाद हुई है, जो जम्मू-कश्मीर में इनके अभूतपूर्व गठबंधन की सरकार का आधार होगा.
कल शाम यहां पहुंचे सईद ने रविवार को शपथ लेने वाले मंत्रिमंडल को अंतिम रुप देने के लिए प्रधानमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की। सईद भी रविवार को शपथ ग्रहण करेंगे. नई गठबंधन सरकार अभूतपूर्व है, जिसमें विधानसभा चुनावों में 25 सीटें हासिल करने वाली भाजपा इस संवेदनशील राज्य में सरकार का हिस्सा होगी. शपथ ग्रहण समारोह जम्मू में होगा जहां राज्यपाल एन एन वोहरा सईद को शपथ दिलाएंगे. सईद नौ साल से भी ज्यादा समय बाद एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री के रुप में अपनी वापसी करेंगे.
इससे पहले सईद कांग्रेस के साथ गठबंधन में नवंबर 2002 से नवंबर 2005 तक मुख्यमंत्री रहे हैं. वर्ष 1989 में भाजपा का बाहरी समर्थन लेने वाली वी पी सिंह की सरकार में केंद्रीय गृहमंत्री रह चुके सईद ने अनुच्छेद 370, सैन्य बल विशेषाधिकार कानून हटाने, पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के पुनर्वास और अलगाववादियों से बातचीत जैसे विवादास्पद मुद्दों पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. कल शाम यहां पहुंचने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं इन मुद्दों पर बात नहीं करना चाहता. न्यूनतम साझा कार्यक्रम सामने आएगा और देश की पूरी जनता देखेगी कि हम क्या कर रहे हैं.’’सईद और मोदी की मुलाकात से पहले दोनों दलों के अध्यक्षों महबूबा मुफ्ती :पीडीपी: और अमित शाह (भाजपा) ने यहां बुधवार को मुलाकात की थी। इसके बाद महबूबा और शाह ने राज्य में गठबंधन की सरकार के गठन की घोषणा की थी.
बैठक के बाद शाह ने ट्वीट किया था कि ‘‘‘ताज के रत्न’ की शोभा वापस लाई जाएगी, सुशासन और विकास सुनिश्चित करके भाजपा-पीडीपी सरकार जम्मू-कश्मीर को नई उंचाइयों पर ले जाएगी.’’ महबूबा ने कहा था कि यह सरकार सत्ता में भागीदारी करने के लिए नहीं बल्कि ‘‘राज्य के लोगों के दिलों और दिमागों को जीतने के लिए है.’’ विधानसभा चुनावों के नतीजों में खंडित जनादेश सामने आया था। 28 विधायकों के साथ पीडीपी सबसे बडी पार्टी के रुप में उभरी थी. वहीं भाजपा के हिस्से में 25 सीटें आई थीं। नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस के खाते में क्रमश: 15 और 12 सीटें आई थीं.