हिंदू धर्म में वापसी पर मिल सकता है अनुसूचित जाति का दर्जा : सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर कोई व्यक्ति हिंदू धर्म में वापस आता है तो उसे अनुसूचित जाति का दर्जा दिया जा सकता है, बशर्ते उसे उसकी जाति के लोग उसे अपना लें और वह यह साबित कर दे कि दूसरे धर्म को अपनाने से पहले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2015 11:46 AM
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर कोई व्यक्ति हिंदू धर्म में वापस आता है तो उसे अनुसूचित जाति का दर्जा दिया जा सकता है, बशर्ते उसे उसकी जाति के लोग उसे अपना लें और वह यह साबित कर दे कि दूसरे धर्म को अपनाने से पहले वह या उसके पूर्वज अनुसूचित जाति के थे. उच्चतम न्यायालय ने केरल निवासी केपी मनु की याचिका की सुनवाई करते हुए केरल उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज कर दिया और यह व्यवस्था दी.
ज्ञात हो कि मनु का जन्म एक ईसाई परिवार में हुआ था. उनके दादा ने हिंदू धर्म छोड़ कर ईसाई धर्म अपना लिया था. मनु 24 वर्ष की उम्र में हिंदू धर्म में लौट आए थे. उन्हें हिंदू पुलया जाति का अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र मिला था, क्योंकि उऩके पूर्वज इसी जाति के थे. बाद में, शिकायत के आधार पर, समीक्षा समिति ने कहा कि उसे हिंदू नहीं माना जा सकता क्योंकि उसके पूर्वज ईसाई थे और उसने स्वयं ईसाई महिला से शादी की है. उच्च न्यायालय ने भी समिति के इस फैसले को सही ठहराया था. राज्य सरकार ने मनु के नियोक्ता को उसे सेवा से बरखास्त करने और उससे तनख्वाह के रूप में दी गयी 15 लाख रुपये की रकम वसूलने का आदेश दिया था.
हिंदू धर्म में वापसी पर अनुसूचित जाति का दर्जा मिल सकता है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा

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