तकनीकी विकास से आईटी क्षेत्र में 13 फीसदी घटेंगी नौकरियां

नयी दिल्‍ली:तकनीकी के विकास से निश्चित ही आईटी इंडस्ट्रीज में तेजी से विकास होगा. लेकिन इसके साथ ही तकनीकी विकास का प्रतिकूल प्रभाव रोजगार पर पड़ सकता है. एक इंड्रस्‍ट्री बॉडी नैस्‍कॉम के रिपोर्ट के मुताबिक वितीय वर्ष 2015-16 में नयी तकनीकि के विकास के करीब 30000 नौकरियां या यूं कह लें आईटी सेक्‍टर की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2015 12:09 PM
नयी दिल्‍ली:तकनीकी के विकास से निश्चित ही आईटी इंडस्ट्रीज में तेजी से विकास होगा. लेकिन इसके साथ ही तकनीकी विकास का प्रतिकूल प्रभाव रोजगार पर पड़ सकता है. एक इंड्रस्‍ट्री बॉडी नैस्‍कॉम के रिपोर्ट के मुताबिक वितीय वर्ष 2015-16 में नयी तकनीकि के विकास के करीब 30000 नौकरियां या यूं कह लें आईटी सेक्‍टर की 13 फीसदी नौकरियां कम हो सकती हैं.
नयी टेक्‍नोलॉजी के विकास के कारण इतने लोगों की जरुरत नहीं रहेगी. इसके बदले कंपनियां नयी परिपाटी को शुरु करने जा रही हैं जिसमें कर्मचारियों की क्षमता (इफिशिएंसी) को बढ़ाने का काम किया जाएगा. नैस्‍कॉम के अध्‍यक्ष और काग्निजेंट इंडिया के कार्यकारी उपाध्‍यक्ष आर चंद्रशेखरन के मुताबिक ‘ आईटी कंपनियां ऐसे उपायों पर विचाकर रही है जिससे कंपनी की आय का कर्मचारियों की संख्‍या पर असर कम हो सके. इसके लिए ऑटोमेशन और प्लेटफॉर्म आधारित आय वृद्धि पर जोर दिया जा रहा है.’
उन्‍होंने बताया कि कंपनियां हायरिंग करते जाएंगी लेकिन इसकी रफ्तार में कमी आएगी. चंद्रशेखर ने यह बात नैस्‍कॉम इंडिया लीडरशिप फोरम में कही.
भारत में आईटी आउटसोर्सिंग कंपनियां आमतौर पर क्‍लाइंट्स के प्रोजेक्‍ट पर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्‍या के आधार पर पैसे मांगती हैं. इस व्‍यवस्‍था के कारण कंपनी की आय का सीधा असर कर्मचारियों की संख्‍या से जुड़ जाता है. इसी को देखते हुए आईटी कंपनियां नयी नीति के तहत इंडस्‍ट्री में लो लेवल और रिपीटीशन वाली जॉब्‍स पर ऑटेमेशन करने वाली है.
आईटी कंपनियों को सारा ध्‍यान अब आर्टीफीसियल इंटेलिजेंसऔर क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग जैसे महत्‍वपूर्ण सेगमेंट पर होगा. यही कारण है कि इन क्षेत्रों में निपुण लोगों की मांग बढ़ रही है लेकिन इससे रोजगार में फ्रेशर छात्रों को मुश्क्लिों का सामना करना पड़ सकता है.कंपनियां अब फ्रेशर्स लोगों से ज्‍यादा अनुभवी लोगों की मांग कर रही है. इससे आने वाले समय में कैंपस प्‍लेसमेंट की संख्‍या में कमी आएगी. एक रिपोर्ट के मुताबि‍क आईटी कंपनी इंफोसिस ने इस साल वित्‍तीय वर्ष में कैंपस प्‍लेसमेंटके तहत 30,000 छात्रों को लेने का मन बनाया है जो पिछले तीन साल में सबसे कम है.

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