गोडसे को महिमामंडित करने के प्रयासों पर राज्यसभा में जतायी गयी चिंता
नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज कांग्रेस के एक सदस्य ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमामंडित करने के लिए पिछले कुछ दिनों से हो रहे प्रयासों पर चिंता जताते हुए मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर बयान दे कर इसकी निंदा करनी चाहिए. शून्यकाल में कांग्रेस के हुसैन […]
नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज कांग्रेस के एक सदस्य ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमामंडित करने के लिए पिछले कुछ दिनों से हो रहे प्रयासों पर चिंता जताते हुए मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर बयान दे कर इसकी निंदा करनी चाहिए. शून्यकाल में कांग्रेस के हुसैन दलवई ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हमें अपने अधिकारों के लिए लडना सिखाया. लेकिन आज उन्हीं के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमामंडित करने का प्रयास हो रहा है.
पिछले दिनों नाथूराम गोडसे को लेकर शौर्य दिवस मनाया गया. दलवई ने कहा कि गोडसे का मंदिर बनाने, पुल का नाम उसके नाम पर रखने का प्रयास किया गया तथा मोटरसाइकिल रैली निकाली गई. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं बेहद चिंता में डालने वाली हैं. उन्होंने कहा कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन भी इस तरह की घटनाओं पर चिंता जता चुके हैं. उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री को इस मामले में बयान दे कर ऐसी घटनाओं की निंदा करनी चाहिए.
कई दलों के सदस्यों द्वारा उनकी इस मांग से स्वयं को संबद्ध किए जाने के बीच भाजपा के तरुण विजय ने कहा कि ‘हम महात्मा गांधी को वंदनीय मानते हैं. गोडसे को नहीं.’ इससे पहले शून्यकाल में ही तरुण विजय ने अंडमान निकोबार का एक मुद्दा उठाते हुए वहां अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान तत्कालीन वायसराय के खिलाफ सबसे पहले आंदोलन का नेतृत्व करने वाले शेर अली का स्मारक बनवाए जाने की मांग की.
तरुण विजय ने कहा कि अंडमान निकोबार में उस वायसराय की प्रतिमा अभी तक लगी हुई है लेकिन देशभक्त शेर अली का कोई स्मारक वहां नहीं है. उन्होंने कहा कि अंडमान के शहीद स्मारक की पट्टिका से वीर सावरकर का नाम हटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह देश के एक महान स्वतंत्रता सेनानी का अपमान है और उनका नाम इस पट्टिका पर फिर से लगाया जाना चाहिए.
भाजपा सदस्य ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह के लोगों की समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां के लोगों को देश की मुख्य भूमि आने के लिए हवाई यात्र पर हजारों रुपये खर्च करना पडता है. यह ऐसा खर्च उस समय और भारी लगता है जब किसी के परिवार में व्यक्ति के बीमार पडने पर उसे हवाई जहाज से दिल्ली, मुंबई या कोलकाता लाना पडता है.
उन्होंने अंडमान के मूलनिवासियों को हवाई किराये में छूट दिए जाने की मांग की. विजय ने कहा कि अंडमान के लोगों को इंटरनेट एवं फोन कनेक्टिविटी, एटीएम में धन नहीं होने, पीने के पानी की कमी जैसी तमाम समस्याओं का सामना करना पडता है. उन्होंने कहा कि सरकार को अंडमान की समस्याएं दूर करने पर फौरन ध्यान देना चाहिए क्योंकि वह भी हमारे देश का अभिन्न हिस्सा है.