मनरेगा को नरेंद्र मोदी नहीं करेंगे बंद, गाजे-बाजे के साथ कांग्रेस की नाकामियों का जीवित स्मारक बता कर पीटते रहेंगे ढोल

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए कांग्रेस को खरी- खरी सुनायी. मोदी ने विपक्ष के कई सवाल और आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने भूमि अधिग्रह बिल, मनरेगा, स्वच्छ भारत अभियान, कालाधन, कोल ब्लॉक आबंटन, जैसे कई अहम मुद्दों पर बात की. मोदी ने भूमि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2015 2:37 PM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए कांग्रेस को खरी- खरी सुनायी. मोदी ने विपक्ष के कई सवाल और आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने भूमि अधिग्रह बिल, मनरेगा, स्वच्छ भारत अभियान, कालाधन, कोल ब्लॉक आबंटन, जैसे कई अहम मुद्दों पर बात की. मोदी ने भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखी . उन्होंने कहा 1894 के कानून को बदलने में इतने साल क्यों लग गये.

उन्‍होंने कहा कि सरकार इतनी देर तक क्यों सोती रही. अगर इस कानून से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है तो वह किसानों का हुआ है. इस कानून को बदलने के वक्त हम कांग्रेस के साथ खड़े थे. अगर सदन को लगता है कि इस नयेअध्यादेश में कुछ भी किसानों के खिलाफ है तो हम उसे बदलने को तैयार है. लेकिन हमें अपनी सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा. सेना को हमारी सुरक्षा के लिए जमीन की जरूरत है. सेना के लोग सारी जानकारी नहीं दे सकते. इसलिए इस तरह का कानून जरूरी है. भूमि अधिग्रहण पर कांग्रेस के पक्ष पर उन्होंने कहाइतना अंहकार ठीक नहीं कि हमने जो किया वही सही है उससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है.

मोदी ने माना कि पूर्वी भारत के कई गांव आज भी विकास की बाट जोह रहे हैं. विकास के लिए इस कानून को लाना बेहद जरूरी है. देश को मजबूत करने के लिए राज्यों को मजबूत करना होगा. मैंने मुख्यमंत्री के रूप में एक लंबा वक्त बिताया है. मैं एक तरह से मुख्यमंत्रियों का प्रतिनिधि हूं. मोदी ने विदेश यात्रा सहित जम्मू कश्मीर के आयी बाढ़ आपदा पर भी अपनी बात रखी.

मनरेगा पर उन्होंने कहा, हमसे हमेशा पूछा जाता है कि मनरेगा बंद कर देंगे क्या . इस पर मैं आपको कहना चाहूंगा कि आप मेरी राजनीतिक समझ पर शंका मत कीजिए मैं मनरेगा कभी बंद नहीं करूंगा. मनरेगा कांग्रेस की हार का प्रतीक है.60 साल के बाद भी आपने लोगों को गड्ढा खोदने भेज दिया. यही योजना तो आपके हार का प्रतीकहै इसे गाजे बाजे के साथ प्रचारित किया जायेगा. इस मौके पर मोदी ने योजनाओं का नाम बदले जाने पर भी जवाब देते हुए विपक्ष को घेरे में लिया और कहा कि भले ही योजनाओं का नाम बदल दिया हो पर हमें यह मानना होगा कि समस्याएं वही पुरानी है.

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अपनीबात रखते हुएप्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी ने स्वच्छता पर एक बार और जोर देते हुए कहा कि पूरे सदन में कोई नहींहैजिसको गंदगी पसंद हो. इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए हमें लोगों का सहयोग मिला हमें 400 करोड़ रूपये मिले.

उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव का उल्लेख करते हुए कहा कि समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया भी स्वच्छता को बढ़ावा देते थे. गांधी के बाद उन्होंने अपने भाषण में कई बार यह बात कही. कालाधन पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने देश को कालेधन पर बोलने के लिए मजबूर कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी बनाने का आदेश दिया था लेकिन वक्त रहते इस पर काम नहीं किया तीन साल तक एसआईटी नहीं बनी. सरकार बनने के बाद हमारा पहला फैसला एसआईटी के गठन का था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम किसी फायदे के लिए कोई काम नहीं करते हमारा एजेंडा देश को विकास की ओर आगे ले जाना है. राजनीतिक पार्टी के किसी झंडे या रंग को देखकर काम नहीं होता. हमें तो सिर्फ एक ही झंडा दिखायी देता है वह है तिरंगा. भाषण की शुरुआत में ही उन्होंने माना, अभिभाषण पर सार्थक चर्चा हुई. राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में देश जिन समस्याओं से जूझ रहा है उन्होंने इसके निराकरण की गति और दिशा पर अपनी बात कही. हालांकि कई सदस्यों को लगता है कि इसमें कई बातें होनी चाहिए.उन्होंने योजनाओं का नाम बदले जाने पर विपक्ष को भी घेरे में लिया और कहा कि भले ही योजनाओं का नाम बदल दिया हो पर हमें यह मानना होगा कि समस्याएं वही पुरानी है.

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