अदालत ने कहा, समझौता कर लें स्मृति ईरानी और संजय निरुपम
नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस नेता संजय निरुपम को एक दूसरे के विरुद्ध दायर मानहानि की शिकायतों को लेकर समझौता या सुलह करने पर विचार करने का आज सुझाव दिया. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धीरज मित्तल ने दोनों नेताओं के वकीलों से कहा, ‘‘दोनों ही मामले […]
नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस नेता संजय निरुपम को एक दूसरे के विरुद्ध दायर मानहानि की शिकायतों को लेकर समझौता या सुलह करने पर विचार करने का आज सुझाव दिया.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धीरज मित्तल ने दोनों नेताओं के वकीलों से कहा, ‘‘दोनों ही मामले शिकायत एवं प्रति शिकायत हैं और अपराध समझौता योग्य हैं. आप दोनों (ईरानी और निरुपम) को समझौता या सुलह पर विचार करना चाहिए.’’ इस पर निरुपम के वकील ने अदालत से कहा कि वे तो समझौते को तैयार हैं लेकिन ईरानी इसके लिए तैयार नहीं हैं. अदालत ने अब इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख एक अगस्त मुकर्रर की है.
सुनवाई के दौरान अदालत ने ईरानी के वकील अनिल सोनी की यह दलील मान ली कि उनके मुवक्किल को व्यक्तिगत पेशी से छूट दी जाए क्योंकि उन्हें आज संसद में बजट सत्र में हिस्सा लेना है.इसी प्रकार, निरुपम के वकील ने अदालत को सूचित किया कि उनके मुवक्किल को दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्यक्तिगत पेशी से छूट दे रखी है.अदालत ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों को सुना. छूट मंजूर की जाती है. मामले को अगली सुनवाई के लिए एक अगस्त को रखा जाए.’’