प्रवीण तोगड़िया पर बैन, कंधमाल में विहिप के बंद से जनजीवन अस्त-व्यस्त
फुलबनी (ओडिशा) : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता प्रवीण तोगडिया के कंधमाल में प्रवेश पर प्रतिबंध के विरोध में संगठन द्वारा आज आहूत बंद के कारण जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्तहो गया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले में दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, बैंक और पेट्रोल पंप बंद रहे और वाहनों की आवाजाही पर भी असर […]
फुलबनी (ओडिशा) : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता प्रवीण तोगडिया के कंधमाल में प्रवेश पर प्रतिबंध के विरोध में संगठन द्वारा आज आहूत बंद के कारण जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्तहो गया.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले में दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, बैंक और पेट्रोल पंप बंद रहे और वाहनों की आवाजाही पर भी असर पडा. हालांकि बंद के दौरान शैक्षणिक संस्थान खुले रहे एवं आपात सेवाएं चालू रहीं. कुछ स्थानों पर विहिप के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए.
विहिप के पूर्वी क्षेत्र के सहायक सचिव प्रियनाथ शर्मा ने बंद को सफल बताते हुए कहा कि जिले में तोगडिया का प्रवेश प्रतिबंधित करने के प्रशासन के निर्णय के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया गया. प्रशासन का यह फैसला पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है.तोगडिया को विहिप की स्वर्ण जयंती के अवसर पर यहां फुलबनी में जिला मुख्यालय में जनसभा को संबोधित करना था लेकिन प्रशासन ने संवेदनशील कंधमाल में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी.हालांकि तोगडिया के बिना सभा आयोजित करने पर प्रतिबंध नहीं था लेकिन विहिप ने यह कहते हुए सभा की योजना रद्द कर दी कि तोगडिया की मौजूदगी के बिना सभा का कोई मतलब नहीं है.
कंधमाल के पुलिस अधीक्षक के बी सिंह ने कहा , ‘‘ संवेदनशील जिले में कानून एवं व्यवस्था पर रिपोर्ट का पूरी तरह मूल्यांकन करने के बाद प्रशासन ने तोगडिया का प्रवेश प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है.’’ उन्होंने कहा कि जिले का इतिहास और इलाके की संवेदनशीलता के मद्देनजर एहतियातन यह कदम उठाया गया है.
जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है और संवेदनशील स्थानों पर वाहनों की जांच की जा रही है.पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अधिकारियों ने एक सप्ताह के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा भी लागू कर दी है. उन्होंने कहा कि सैन्य बलों की करीब 22 पलटन (करीब 700 सुरक्षाकर्मी) तैनात की गई हैं. इनमें से 12 पलटन फुलबनी में तैनात रहेंगी. विहिप नेता लक्ष्मणानंद सरस्वती की उनके जलेसपेटा आश्रम में 23 अगस्त 2008 को हत्या के बाद कंधमाल जिले में हिंसा फैल गई थी.