नक्सल विरोधी अभियान के लिए सरकार ने दो हेलिकाप्टर लिए किराये पर
नयी दिल्ली : माओवादी गतिविधियों का गढ माने जाने वाले छत्तीसगढ और उसके सीमाई इलाकों के जंगलों में तैनात सुरक्षा बलों को हवाई सहयोग मुहैया कराने के मकसद से सरकार ने एक निजी कंपनी से दो हेलिकॉप्टर किराए पर लिए हैं.माओवादियों से निपटने के उद्देश्य से सुरक्षा बलों के लिए और अधिक हेलिकॉप्टरों की जरुरत […]
नयी दिल्ली : माओवादी गतिविधियों का गढ माने जाने वाले छत्तीसगढ और उसके सीमाई इलाकों के जंगलों में तैनात सुरक्षा बलों को हवाई सहयोग मुहैया कराने के मकसद से सरकार ने एक निजी कंपनी से दो हेलिकॉप्टर किराए पर लिए हैं.माओवादियों से निपटने के उद्देश्य से सुरक्षा बलों के लिए और अधिक हेलिकॉप्टरों की जरुरत को देखते हुए करीब एक साल से अधिक समय से इस संबंध में प्रयास जारी थे. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल :सीआरपीएफ: की ओर से निजी हेलिकॉप्टरों को किराए पर लेने के संबंध में जो समझौता हुआ है उससे न केवल अधिक संख्या में सैनिकों की तैनाती बल्कि युद्ध की स्थिति में घायलों को भी मदद पहुंचाई जा सकती है तथा हथियार एवं राशन की भी आपूर्ति की जा सकती है.
माओवादी चुनौतियों से निपटने के सीआरपीएफ कमान के अभियान के तहत छत्तीसगढ के बस्तर क्षेत्र में जगदलपुर में दो बेल हेलिकॉप्टर की टीम तैनात की गई है. यह इलाका सबसे खराब नक्सल प्रभावित इलाकों में शामिल है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘नक्सल विरोधी अभियानों में सेना की मदद के लिए दो निजी हेलिकॉप्टरों को किराए पर लिया गया है. हेलिकॉप्टरों ने अभियान शुरु कर दिया है और ये दक्षिणी बस्तर में तैनात रहेंगे.’’ जिस निजी कंपनी ने ये हेलिकॉप्टर मुहैया कराए हैं उसे माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में अभियान का अनुभव हासिल है. हालांकि कंपनी अभी तक केवल नागरिकों और अतिविशिष्ट लोगों को लाने ले जाने के कार्यो से ही संबद्ध रही है.