एनजीटी ने दिल्ली सरकार से कहा, हमें दिल्ली के लिए अजनबी न मानें
नयी दिल्ली: राजधानी में वाहन जनित प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए हरित अधिकरण के निर्देशों को लागू करने में दिल्ली सरकार के ढुलमुल रवैए पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने दिल्ली सरकार की खिंचाई की है.अधिकरण ने दिल्ली सरकार से पूछा, ‘‘आपने हमारे 26 नवंबर 2014 के आदेश पर आगे क्या कदम उठाया है? आपकी […]
नयी दिल्ली: राजधानी में वाहन जनित प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए हरित अधिकरण के निर्देशों को लागू करने में दिल्ली सरकार के ढुलमुल रवैए पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने दिल्ली सरकार की खिंचाई की है.अधिकरण ने दिल्ली सरकार से पूछा, ‘‘आपने हमारे 26 नवंबर 2014 के आदेश पर आगे क्या कदम उठाया है?
आपकी व्यवस्था के अंतर्गत आपके पास अधिकारियों का पूरा दल है बावजूद इसके आपने अब तक कुछ नहीं किया है.’’ दिल्ली सरकार के मुख्य वकील की अनुपस्थिति पर नाराज एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘अध्ययन से यह पता चलता है कि दिल्ली का वायु प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है.’’
वर्धमान कौशिक की याचिका पर सुनवाई के दौरान उनका यह विचार सामने आया. जिसमें यह दावा किया गया कि ‘‘दिल्ली में सूक्ष्म कणों की संख्या बढी है और इसके लिए जिम्मेदार कारणों की पहचान कर उन पर रोक लगानी चाहिए.’’ सुनवाई के दौरान अधिकरण ने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) पर बरसते हुए उसे दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण समिति के साथ 15 पुरानी और 10 नई लो फ्लोर बसों के आकस्मिक निरीक्षण का निर्देश दिया ताकि यह पता लग सके कि ये बसें पर्यावरणीय नियमों का पालन करती हैं या नहीं अथवा उनके पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र है या नहीं.