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कांग्रेस महासचिव बनने की अटकलों को प्रियंका ने किया खारिज

नयी दिल्‍ली : राहुल गांधी का कांग्रेस अध्‍यक्ष बनना लगभग तय है. पार्टी के पुराने और कदावर कार्यकर्ता और नेताओं के बयान भी इसी बात को इंगित कर रहे हैं कि छुट्टी से लौटने के बाद राहुल के कंधों पर पार्टी की जिम्‍मेवारी सौंप दी जाएगी. इस बीच मीडिया में यह खबर जोर पकड़ चुकी […]

नयी दिल्‍ली : राहुल गांधी का कांग्रेस अध्‍यक्ष बनना लगभग तय है. पार्टी के पुराने और कदावर कार्यकर्ता और नेताओं के बयान भी इसी बात को इंगित कर रहे हैं कि छुट्टी से लौटने के बाद राहुल के कंधों पर पार्टी की जिम्‍मेवारी सौंप दी जाएगी. इस बीच मीडिया में यह खबर जोर पकड़ चुकी है कि प्रियंका गांधी को कांग्रेस महासचिव का पद दिया जायेगा और वे सक्रिय राजनीति में शामिल होंगी. हालांकि प्रियंका के दफ्तर की ओर से इस बात का खंडन किया गया कि उन्‍हें पार्टी का महासचिव बनाया जायेगा.

कांग्रेस के आला नेताओं की ओर से भी यही बयान दिये जा रहे हैं कि अगर प्रियंका चाहें तो वे सक्रिए राजनीति में आ सकती है लेकिन पार्टी की ओर से उन्‍हें महासचिव का पद देने पर अभी कोई बातचीत नहीं हुआ है. मीडिया में आयी खबरों में पार्टी के विश्‍वस्‍त सूत्रों का हवाला दिया जा रहा है. अब देखना है भाई-बहन मिलकर कांग्रेस को किस मुकाम पर पहुंचाते हैं.

सूत्रों की माने तो राहुल गांधी प्रियंका को पार्टी में किसी बड़े पद पर देखना चाहते हैं. इसी के तहत प्रियंका को महासचिव बनाये जाने के अटकले तेज हुई हैं. वैसे राहुल अपनी टीम में युवाओं को ही प्रमुखता देंगे. उधर देखा जाए तो प्रियंका की अपनी छवि जो भी हो लेकिन उनके पार्टी में सक्रिय भूमिका में आने से उनके पति रॉबर्ट वाड्रा को लेकर विपक्षियों के पास शोर मचाने का अच्‍छा बहाना मिलेगा. गौरतलब है कि प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा हरियाणा में में भूमि घोटाले मामले में काफी आलोचनाएं झेल चुके हैं.

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को कहा कि राहुल गांधी की टीम में युवा चेहरों के साथ-साथ अनुभवी लोग भी शामिल होंगे और उन्होंने इस युवा नेता के पार्टी प्रमुख बनने पर वरिष्ठ नेताओं को चलता करने की अटकलों को अनावश्यक विवाद करार देते हुए खारिज कर दिया.

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि अपने नेताओं का मैं जितना मन पढ सकता हूं, मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि ऐसी कोई चीज नहीं है कि राहुल गांधी वरिष्ठ नेताओं को निकालना चाहते हैं. उन्होंने दावा किया कि नयी टीम में पुराने और नये लोग शामिल होंगे.

राजस्थान के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी माने जाते हैं जिन्होंने राहुल गांधी के साथ भी करीबी तौर पर काम किया है क्योंकि वह करीब पांच साल पहले उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव थे. गहलोत ने कहा कि पार्टी में पुरानी पीढी और नयी पीढी के नेताओं के बीच खींचतान चलने की बात गलत है. उन्होंने मीडिया में ऐसा माहौल बनाने का दावा करते हुए कहा, ‘ऐसी कोई खींचतान नहीं है.’

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