कालाधन मामले में विवादास्पद मांस कारोबारी मोइन कुरैशी को जमानत
नयी दिल्ली : विवादास्पद मांस कारोबारी मोइन कुरैशी को दिल्ली की एक अदालत ने कालेधन के मामले में जमानत दे दी. कुरैशी के खिलाफ आयकर विभाग ने कथित तौर पर 20 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा नहीं करने के सिलिसिले में मामला दर्ज किया है.मांस निर्यातक कुरैशी 30 जनवरी के सम्मन के अनुपालन में […]
नयी दिल्ली : विवादास्पद मांस कारोबारी मोइन कुरैशी को दिल्ली की एक अदालत ने कालेधन के मामले में जमानत दे दी. कुरैशी के खिलाफ आयकर विभाग ने कथित तौर पर 20 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा नहीं करने के सिलिसिले में मामला दर्ज किया है.मांस निर्यातक कुरैशी 30 जनवरी के सम्मन के अनुपालन में अदालत में पेश हुए.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट देवेंद्र कुमार शर्मा ने कुरैशी को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत राशि पर जमानत दे दी.कुरैशी के कर्मचारी आदित्य शर्मा को भी पेश होने और जमानत मुचलका भरे जाने के बाद अदालत ने जमानत दे दी. मामले में शर्मा को भी आरोपी के रूप में तलब किया गया था.
अदालत ने जमानत देते हुए दोनों को निर्देश दिया कि वे उसे सूचित किये बिना देश से बाहर नहीं जा सकते.आरोप पूर्व गवाही दर्ज करने के लिए अदालत ने 29 अप्रैल की तारीख तय की.अदालत ने पहले आयकर विभाग के स्थायी वकील बृजेश गर्ग के जरिये दायर शिकायत पर संज्ञान लिया था.
शिकायत गलत बयान देने के संबंध में आयकर कानून तथा कथित आपराधिक साजिश, न्यायिक प्रक्रिया में झूठी गवाही देने या गढ़ने के लिए भादंसं के तहत विभिन्न प्रावधानों के तहत दायर की गयी थी.आयकर विभाग के उपनिदेशक गौरव पुंडीर ने यह कहते हुए शिकायत दायर की थी कि विभाग मामले की जांच कर रहा है और 15 फरवरी 2014 को कुरैशी से यहां उनके आवास पर पूछताछ की गयी थी.
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पूछताछ के दौरान कुरैशी ने तब गलत बयान दिया जब उनसे उनकी आय और संपत्तियों तथा परिवार के सदस्यों या सहयोगियों के नामों के बारे में पूछा गया. इसमें यह भी कहा गया है कि उनसे बैंक लॉकरों की सूची देने को कहा गया था.
इसके अनुसार कुरैशी ने अधिकारियों से कहा था कि उनके पास एचएसबीसी बैंक की साउथ एक्सटेंशन शाखा में महज एक लॉकर है, लेकिन जांच के दौरान विभाग को पता चला कि उनके पास 11 लॉकर हैं जो उनके कर्मचारियों और सहयोगियोंे के नाम पर हैं, लेकिन इनमें रखीं चीजें कुरैशी की हैं.
शिकायत में कहा गया है कि लॉकरों का संचालन कुरैशी के निर्देशों पर एएमक्यू समूह के उनके कर्मचारी करते थे. शिकायत में कहा गया है कि लॉकरों में 11.26 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी तथा 8.35 करोड रुपये से अधिक मूल्य के आभूषण पाये गये थे.
बाद में कुरैशी ने स्वीकार किया कि धन और चीजें उनकी थीं और उन्होंने यह कहकर इन चीजों को विभाग को सौंप दिया कि जब्त धन पर विभाग आयकर काट सकता है और शेष चीजें उन्हें लौटा दी जायें.विभाग ने कुरैशी और शर्मा पर आयकर कानून के मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी और अदालत में शिकायत दायर की थी.इसने अदालत से कुरैशी और शर्मा पर मुकदमे के लिए सम्मन जारी करने का आग्रह किया था.शर्मा के संबंध में आयकर विभाग ने कहा है कि उसने लॉकरों के बारे में गलत बयान देकर विभाग को गुमराह करने की कोशिश की.