जेटली ने कहा, भूमि अधिग्रहण कानून में मौलिक बदलाव की कोशिश में भाजपा

न्यूयार्क : भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पर विरोध के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भाजपा नीत सरकार 2013 के भूमि अधिग्रहण काूनन में मौलिक रूप से बदलाव का प्रयास कर रही है ताकि विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में विकास गतिविधियां सुनिश्चित की जा सकें. कोलंबिया विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 3, 2015 3:21 PM

न्यूयार्क : भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पर विरोध के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भाजपा नीत सरकार 2013 के भूमि अधिग्रहण काूनन में मौलिक रूप से बदलाव का प्रयास कर रही है ताकि विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में विकास गतिविधियां सुनिश्चित की जा सकें.

कोलंबिया विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को कल यहां संबोधित करते हुए उन्होंने कहा ‘‘किसी भी सरकार के लिए इस तरह के कानून में बदलाव बेहद चुनौतीपूर्ण काम है. देखने में आम तौर पर विचार है कि आप भूमि अधिग्रहण की मंजूरी नहीं दें.’’ निजी यात्रा पर यहां पहुंचे जेटली ने कहा ‘‘चुनाव से ठीक पहले इस तरह का कानून पारित कराने पर यह दिक्कत होती है कि आप बेहद अव्यावहारिक विचार पेश करते हैं जिसका चुनाव के ऐन पहले विरोध करना किसी के लिए भी बेहद मुश्किल है और फिर आप इसे तेजी से आगे बढाते हैं.’’
उन्होंने कहा कि हर राज्य सरकार चाहे वह किसी भी पार्टी की हो, अब कह रही है कि ऐसे देश में जो कि अभी भी एक विकसित देश है, इस तरह के कानून से विकास गतिविधि की गुंजाइश बिल्कुल समाप्त हो गयी.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में सडक, सिंचाई, विद्युतीकरण, गरीबों के लिए सस्ते घर और रक्षा परियोजनाओं के लिए भूमि की जरुरत है लेकिन कानून के मौजूदा प्रावधानों के तहत भूमि अधिग्रहण तब तक नहीं किया जा सकता जब तक बहुत सी शर्तें न पूरी कर ली जाएं.उन्होंने कहा ‘‘इस क्षेत्र में सारी गतिविधियां बंद हैं. किसी भी रक्षा परियोजनाओं के लिए भूमि नहीं मिल सकती. यह सबसे बडी चुनौती है. आप मुआवजा प्रणाली में किस तरह बदलाव कर सकते हैं, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे, सस्ते घरों के लिए कुछ प्रक्रियाओं को सरल बनाना होगा. यह चुनौती है जिसका हम सामना कर रहे हैं और देखते हैं हम संसद में इस चुनौती से कैसे निपटते हैं.’’
वित्त मंत्री ने स्वीकार किया ‘‘निश्चित तौर पर भूमि अधिग्रहण विधेयक एक धीमा विधेयक बन गया है और इसे परित कराने के लिए सरकार को विपक्ष को राजी करने तथा जनता की राय ठीक करने समेत हर तरह की राजनीतिक प्रक्रिया अपनाएंगे.’’ उन्होंने कहा ‘‘हमें ऐसी स्थिति पर नहीं पहुंचाना चाहिये जहां बुनियादी ढांचा और उद्योग लगाना एक बुरा शब्द बन जाए. आखिरकार जब किसी तरह बात नहीं बनेगी तो संख्या बल से काम चलेगा. भारतीय संविधान के तहत संख्या बल हमारे पक्ष में है.’’उन्होंने कहा कि 2013 का भूमि अधिग्रहण कानून ऐसा कानून है जिसमें भाजपा नीत सरकार मूल रुप से बदलाव करने की कोशिश कर रही है.
जेटली ने 28 फरवरी को भाजपा नीति सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश किया. उन्होंने कहा कि इस बजट के पीछे यही मूल विचार है कि कुछ दिक्कतों के लिए तैयारी करनी है.मंत्री ने कहा कि उन्होंने एक विचार आगे बढाया है कि ऐसे भारत की जरुरत है जहां परियोजनाएं शुरु करने के लिए बहुत सारी मंजूरियों की आवश्यकता न हो बल्कि सिर्फ नियामकीय प्रणालियों और दिशानिर्देशों के अनुपालन के जरिए ही हो सकता है.
उन्होंने कहा ‘‘एक आम तरीका है कि कमजोर तबकों के लिए सामाजिक सुरक्षा प्रणाली हो, मध्य वर्ग की जेब में थोडा अधिक धन जाए और ऐसे सभी कदम उठाए गए हैं कि कारोबार सुगम हो तथा भारत ज्यादा निवेश अनुकूल बने. हम यही व्यापक दृष्टिकोण अपना रहे हैं.’’

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