कड़िया मुंडा ने आदिवासियों के कल्याण का ब्लूप्रिंट तैयार करने की मांग की

नयी दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता कड़िया मुंडा ने स्वतंत्र भारत में विकास के नाम पर विस्थापित होने वाले आदिवासियों की हालत और खराब होने पर आज अफसोस जाहिर किया और उनके कल्याण के लिए लोकसभा में एक ब्ल्यूप्रिंट तैयार किए जाने की मांग की. खान और खनिज ( विकास और विनियमन ) संशोधन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 3, 2015 4:49 PM

नयी दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता कड़िया मुंडा ने स्वतंत्र भारत में विकास के नाम पर विस्थापित होने वाले आदिवासियों की हालत और खराब होने पर आज अफसोस जाहिर किया और उनके कल्याण के लिए लोकसभा में एक ब्ल्यूप्रिंट तैयार किए जाने की मांग की.

खान और खनिज ( विकास और विनियमन ) संशोधन विधेयक 2015 पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए मुंडा ने कहा कि ‘‘सबका साथ , सबका विकास’’ का नारा अच्छा है लेकिन उन लोगों के विकास के लिए एक ब्ल्यूप्रिंट तैयार किया जाना चाहिए, जिन्हें उनकी जमीनों से विस्थापित किया जा रहा है.उन्होंने कहा कि आदिवासी आबादी की बहुलता वाले कच्छ से असम तक का क्षेत्र आदिवासियों की बहुलता वाला इलाका है. उन्होंने कहा कि माओवाद का उभार विस्थापन के कारण बढती बेचैनी का सबूत है.
मुंडा ने इस बात पर हैरानी जतायी कि खनिज और खनन क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी बढा रहा निजी क्षेत्र आदिवासी लोगों का कितना ध्यान रखेगा? इस विधेयक का विरोध करते हुए माकपा के ए संपत ने कहा कि खान और खनिज कानून में बदलाव से देश कोरपोरेट की ‘‘दया’’ पर जीने को मजबूर होगा.भाजपा के प्रह्लाद पटेल ने अवैध खनन के लिए अधिक सजा की मांग की जबकि उन्हीं के पार्टी सहयोगी हुकुम सिंह ने सरकार से जानना चाहा कि क्या खनिज संपदा से भरपूर जमीन के मालिक विस्थापन के बाद पीढी दर पीढी केवल मजदूर ही बने रहेंगे.

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