भाजपा ने बंसल को बताया “मामा”

नयी दिल्ली: अपने भांजे के रिश्वत मामले के कारण राजनीतिक संकट में घिरे रेल मंत्री पवन कुमार बंसल पर आज राज्यसभा में तंज करते हुए भाजपा के कुछ सदस्यों ने उन्हें ‘‘मामा’’ की उपाधि दे डाली. एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जब उच्च सदन की बैठक शुरु हुयी तो भाजपा सदस्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:34 PM

नयी दिल्ली: अपने भांजे के रिश्वत मामले के कारण राजनीतिक संकट में घिरे रेल मंत्री पवन कुमार बंसल पर आज राज्यसभा में तंज करते हुए भाजपा के कुछ सदस्यों ने उन्हें ‘‘मामा’’ की उपाधि दे डाली.

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जब उच्च सदन की बैठक शुरु हुयी तो भाजपा सदस्य सरकार विरोधी नारे लगाते हुए आसन के समीप आ गए. इसी क्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले पुरुषोत्तम रुपाला बार बार ‘‘ मामा ’’ शब्द बोलते हुए सुने गए. रुपाला ने बंसल का नाम लिए बिना ही कई बार ‘‘मामा’’ शब्द दोहराया.उनके ‘‘मामा’’ कहने के बाद भाजपा के कई अन्य सदस्य भी उनका साथ देने लगे.रुपाला के इस हावभाव पर कांग्रेस के कुछ सदस्य भी अपनी मुस्कान नहीं रोक पाए.भाजपा सदस्यों की इस नारेबाजी के समय रेल मंत्री सदन में मौजूद नहीं थे.

पीएम के इस्तीफे पर अड़ा विपक्ष, संसद में हंगामा-खाद्य सुरक्षा विधेयक पर चर्चा के दौरान हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित. रेलमंत्री पवन बंसल के भांजे पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़े भाजपा सदस्यों के हंगामे के कारण आज संसद के दोनों सदनों की बैठक शुरु होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.

दोपहर 12 बजे सदन की बैठक शुरु होते ही भाजपा सदस्य कोल ब्लाक तथा रेलवे रिश्वत मामले में प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे.उनके साथ ही शिरोमणि अकाली दल के सदस्य भी 1984 के सिख विरोधी दंगों की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी ) से जांच कराए जाने की मांग को लेकर आसन के समक्ष आ गए.

सपा सदस्य भी आसन के समक्ष आकर सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे. वाम सदस्य भी आसन के समक्ष आकर रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर नारे लगाते देखे गए.हंगामे के बीच ही पीठासीन सभापति गिरिजा व्यास ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और हंगामा थमता नहीं देख बैठक कुछ ही देर बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

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