ना तोड़ेंगे, ना छोड़ेंगे सुधरेंगे और सुधारेंगे : योगेंद्र यादव

नयी दिल्ली : पार्टी में जारी घमासान के बीच आज आम आदमी पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि अगर आज दिलीप पांडे कुछ कह रहे हैं तो वह बुरे व्यक्ति नहीं हैं. दिलीप भाई ने पत्र लिखा मेरे बारे में उसमें कड़वाहट नहीं, उनके जैसे ईमानदार कार्यकर्ता पार्टी को न‍हीं मिलेगा. उन्होंने बहुत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 4, 2015 9:18 AM

नयी दिल्ली : पार्टी में जारी घमासान के बीच आज आम आदमी पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि अगर आज दिलीप पांडे कुछ कह रहे हैं तो वह बुरे व्यक्ति नहीं हैं. दिलीप भाई ने पत्र लिखा मेरे बारे में उसमें कड़वाहट नहीं, उनके जैसे ईमानदार कार्यकर्ता पार्टी को न‍हीं मिलेगा. उन्होंने बहुत त्याग किया है. उन्होंने कहा कि यदि मैंने कुछ गलत किया है तो मुझे दंड मिलना चाहिए. यदि मैंने अनुशासन का उल्लंघन किया है तो मेरे खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

केजरीवाल को ईमानदारी का प्रतीक बताते हुए योगेंद्र यादव ने कहा वह आम आदमी पार्टी में ही हैं. उन्होंने कहा कि अगर पीएसी में नहीं रहे, तो भी वह काम करते रहेंगे ‘बस यही कहना है, न तोड़ेंगे, न छोड़ेंगे, बल्कि सुधारेंगे और खुद भी सुधरेंगे.’ योगेंद्र यादव ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल, परिवार या दफ्तर अपने यहां सब ठीक-ठाक होने का दावा नहीं कर सकता, कुछ न कुछ मुद्दे होते हैं और कुछ परेशानियां भी होती हैं.

इससे पहले‘आप’ की शीर्ष संस्था पीएसी से बाहर किये जाने की संभावनाओं के बीच, पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने मंगलवार रात कहा कि उन्हें अरविंद केजरीवाल के राष्ट्रीय संयोजक बने रहने से कोई दिक्कत नहीं है. यादव ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय संयोजक कोई मुददा नहीं है और ना ही कभी कोई मुददा था. पीएसी का सदस्य कौन बनता है और कौन नहीं यह भी कोई मुददा नहीं है. हमारा हमेशा से विश्वास है कि अरविंद भाई (केजरीवाल) को हमेशा पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए.’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रशांत भूषण और मैंने हमेशा यही कहा है और यहां तक कि हमने :केजरीवाल द्वारा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में: इस्तीफे की पेशकश को ठुकरा दिया था.’’ उनकी इन टिप्पणियों को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि खबरें हैं कि उन्हें और प्रशांत भूषण को पीएसी से बाहर किया जाएगा. इस संबंध में आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी में फैसला किया जा सकता है.

अरविंद केजरीवाल धडे का आरोप है कि यादव, प्रशांत और शांति भूषण दिल्ली के मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय संयोजक के पद से ‘‘हटाना’’ चाहते हैं. पार्टी के व्यक्ति केन्द्रित होने के मुददे के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा, ‘‘यह आधुनिक राजनीति की दुविधा है. आपको चेहरों की जरुरत होती है. व्यक्तित्व चुनावी राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसी के साथ, संगठन को इसका ध्यान रखना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से ये सवाल व्यक्तित्व की लडाई पर आ गये हैं.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह पीएसी से इस्तीफा देंगे, यादव ने कहा कि वह पार्टी की निर्णय करने वाली शीर्ष संस्था में युवाओं को मौका देने के लिए ऐसा करने को तैयार हैं.

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